कानपुर के सीएमओ पद को लेकर चल रहे विवाद में मंगलवार को एक नया मोड़ तब आया, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने डॉ. हरिदत्त नेमी के निलंबन पर रोक लगा दी। कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिलने के ठीक अगले दिन यानी बुधवार सुबह 9:30 बजे, डॉ. नेमी रामादेवी स्थित श्याम नगर सीएमओ कार्यालय पहुंचे और अपनी कुर्सी पर बैठ गए। वहीं, मौजूदा सीएमओ डॉ. उदयनाथ भी दफ्तर में मौजूद रहे और दोनों अधिकारी एक ही कार्यालय में आमने-सामने बैठे नजर आए। स्थिति तनावपूर्ण होने की आशंका में चकेरी पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिया गया। बता दें कि डॉ. हरिदत्त नेमी ने 14 दिसंबर को सीएमओ पद का कार्यभार संभाला था, लेकिन जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के साथ लंबे समय से तनातनी चल रही थी। यह टकराव 19 जून को उस वक्त चरम पर पहुंचा जब उन्हें निलंबित कर दिया गया। निलंबन के बाद डॉ. नेमी ने अपने सरकारी आवास पर प्रेस वार्ता करते हुए डीएम पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल, भ्रष्टाचार के दबाव और प्रशासनिक भेदभाव जैसे आरोप लगाते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी। इस पूरे मामले में सियासी रस्साकशी भी खुलकर सामने आई। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, एमएलसी अरुण पाठक और विधायक सुरेंद्र मैथानी डॉ. नेमी के समर्थन में खड़े हुए, जबकि विधायक अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डीएम के पक्ष में पैरवी की थी।
Kanpur DM vs CMO Controversy: कोर्ट से राहत के बाद डॉ. हरिदत्त नेमी ने संभाली CMO की कुर्सी, पुलिस तैनात

कानपुर के सीएमओ पद को लेकर चल रहे विवाद में मंगलवार को एक नया मोड़ तब आया, जब इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने डॉ. हरिदत्त नेमी के निलंबन पर रोक लगा दी। कोर्ट से स्टे ऑर्डर मिलने के ठीक अगले दिन यानी बुधवार सुबह 9:30 बजे, डॉ. नेमी रामादेवी स्थित श्याम नगर सीएमओ कार्यालय पहुंचे और अपनी कुर्सी पर बैठ गए। वहीं, मौजूदा सीएमओ डॉ. उदयनाथ भी दफ्तर में मौजूद रहे और दोनों अधिकारी एक ही कार्यालय में आमने-सामने बैठे नजर आए। स्थिति तनावपूर्ण होने की आशंका में चकेरी पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिया गया। बता दें कि डॉ. हरिदत्त नेमी ने 14 दिसंबर को सीएमओ पद का कार्यभार संभाला था, लेकिन जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के साथ लंबे समय से तनातनी चल रही थी। यह टकराव 19 जून को उस वक्त चरम पर पहुंचा जब उन्हें निलंबित कर दिया गया। निलंबन के बाद डॉ. नेमी ने अपने सरकारी आवास पर प्रेस वार्ता करते हुए डीएम पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल, भ्रष्टाचार के दबाव और प्रशासनिक भेदभाव जैसे आरोप लगाते हुए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी। इस पूरे मामले में सियासी रस्साकशी भी खुलकर सामने आई। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, एमएलसी अरुण पाठक और विधायक सुरेंद्र मैथानी डॉ. नेमी के समर्थन में खड़े हुए, जबकि विधायक अभिजीत सिंह सांगा और महेश त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डीएम के पक्ष में पैरवी की थी।