कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने अपनी आवासीय योजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई जमीनों पर अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। केडीए ने अब तक 6.65 अरब रुपये की जमीन चिह्नित की है जिस पर किसानों ने मुआवजा लेने के बाद भी कब्जा कर रखा है। केडीए इन जमीनों के दाखिल खारिज को निरस्त कराकर अपने नाम दर्ज करा रहा है कानपुर में केडीए (कानपुर विकास प्राधिकरण) आवासीय योजना लाने के लिए अपनी जमीनों की खोज में जुटा हुआ है। हालांकि, जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा देने के बावजूद कई स्थानों पर किसान जमीन पर कब्जा किए हुए हैं और दस्तावेजों में अपने नाम दर्ज करवा चुके हैं। इस पर जांच के दौरान केडीए ने अब तक 6.65 अरब रुपये की भूमि चिह्नित की है और किसानों के नाम दाखिल खारिज कराकर खुद अपना नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज करवा रहा है मंगलवार को एक और बड़ी कार्रवाई में केडीए ने बारासिरोही में अपनी 2.7 हेक्टेयर भूमि की पहचान की, जिस पर किसानों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज थे, जबकि केडीए ने पहले ही इन जमीनों के बदले मुआवजा दिया था। इन जमीनों की बाजारी कीमत 99.95 करोड़ रुपये है। अब केडीए ने इन जमीनों से किसानों के नाम खारिज कर अपने नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है इस क्रम में अब तक केडीए 7.65 अरब रुपये की भूमि को अपने नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया में है। केडीए उपाध्यक्ष मर्दन सिंह गर्ब्याल और सचिव अभय पांडेय के आदेश पर जोन दो के विशेष कार्याधिकारी डा. रवि प्रताप सिंह ने अधिग्रहण वाली भूमि की जांच शुरू कराई। जांच में पाया गया कि बारासिरोही की कुल 36 गाटों से संबंधित किसानों के नाम जमीनों में दर्ज थे, जिनकी पहचान की गई और केडीए के नाम दर्ज कराने के आदेश दिए गए इसके अलावा, विशेष कार्याधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन किसानों ने इन जमीनों पर कब्जा किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही केडीए अब उन अमीनों की भी जांच करेगा, जिनकी जिम्मेदारी थी कि भूमि पर कब्जा न हो और राजस्व अभिलेखों में केडीए के नाम दर्ज हों इसके अलावा, करोड़ों की जमीन धोखाधड़ी से हड़पने के मामले में पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीनों का कब्जा कर रहा था। बलवान सिंह नामक व्यक्ति ने बताया कि कुछ लोगों ने धोखाधड़ी से उनकी चार बीघा जमीन अपने नाम करवा ली थी। इन लोगों ने कागज बनवाकर और विक्रय पत्र तैयार कर भूमि का मूल्य कम दर्शाया था। मास्टरमाइंड रामखिलावन सहित उसके साथियों की तलाश जारी है
कानपुर में KDA की 99.95 करोड़ की जमीन पर किसानों का कब्जा, जांच में हुआ बड़ा खुलासा
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने अपनी आवासीय योजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई जमीनों पर अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। केडीए ने अब तक 6.65 अरब रुपये की जमीन चिह्नित की है जिस पर किसानों ने मुआवजा लेने के बाद भी कब्जा कर रखा है। केडीए इन जमीनों के दाखिल खारिज को निरस्त कराकर अपने नाम दर्ज करा रहा है कानपुर में केडीए (कानपुर विकास प्राधिकरण) आवासीय योजना लाने के लिए अपनी जमीनों की खोज में जुटा हुआ है। हालांकि, जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा देने के बावजूद कई स्थानों पर किसान जमीन पर कब्जा किए हुए हैं और दस्तावेजों में अपने नाम दर्ज करवा चुके हैं। इस पर जांच के दौरान केडीए ने अब तक 6.65 अरब रुपये की भूमि चिह्नित की है और किसानों के नाम दाखिल खारिज कराकर खुद अपना नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज करवा रहा है मंगलवार को एक और बड़ी कार्रवाई में केडीए ने बारासिरोही में अपनी 2.7 हेक्टेयर भूमि की पहचान की, जिस पर किसानों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज थे, जबकि केडीए ने पहले ही इन जमीनों के बदले मुआवजा दिया था। इन जमीनों की बाजारी कीमत 99.95 करोड़ रुपये है। अब केडीए ने इन जमीनों से किसानों के नाम खारिज कर अपने नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है इस क्रम में अब तक केडीए 7.65 अरब रुपये की भूमि को अपने नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया में है। केडीए उपाध्यक्ष मर्दन सिंह गर्ब्याल और सचिव अभय पांडेय के आदेश पर जोन दो के विशेष कार्याधिकारी डा. रवि प्रताप सिंह ने अधिग्रहण वाली भूमि की जांच शुरू कराई। जांच में पाया गया कि बारासिरोही की कुल 36 गाटों से संबंधित किसानों के नाम जमीनों में दर्ज थे, जिनकी पहचान की गई और केडीए के नाम दर्ज कराने के आदेश दिए गए इसके अलावा, विशेष कार्याधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन किसानों ने इन जमीनों पर कब्जा किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही केडीए अब उन अमीनों की भी जांच करेगा, जिनकी जिम्मेदारी थी कि भूमि पर कब्जा न हो और राजस्व अभिलेखों में केडीए के नाम दर्ज हों इसके अलावा, करोड़ों की जमीन धोखाधड़ी से हड़पने के मामले में पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीनों का कब्जा कर रहा था। बलवान सिंह नामक व्यक्ति ने बताया कि कुछ लोगों ने धोखाधड़ी से उनकी चार बीघा जमीन अपने नाम करवा ली थी। इन लोगों ने कागज बनवाकर और विक्रय पत्र तैयार कर भूमि का मूल्य कम दर्शाया था। मास्टरमाइंड रामखिलावन सहित उसके साथियों की तलाश जारी है