आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू कर सकती है। इसका नोटीफिकेशन लाया जा सकता है। जिसके चलते कानपुर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था और आगामी त्योहारो मद्देनज़र के लिए पूरे शहर मे अतिसंवेदनशील इलाको मे भारी संख्या मे सुरक्षा बलों के साथ माकडील की। परेड स्थित सद्भावना चौकी से शुरू हो कर अलग अलग क्षेत्रों मे जाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायेज़ भी लिया। इसके साथ ही कानपुर के जॉइंट कमीशनर के साथ डीसीपी एसीपी फायर ब्रिगेड के अधिकारी और पुलिस के साथ पीएसी के जवान भी मौजूद रहे।
जॉइंट कमिश्नर हरीश चंद्र ने कहा की शहर मे दंगा नियंत्रण के चलते रिहर्सल की गई ।उसको लेकर शहर के सभी पॉइंट्स पर सारे अधिकारियों के साथ सड़को पर निकले है ।जाजमऊ, बाबूपुरवा, नौबस्ता, बेकनगंज, चमनगंज, रावतपुर, बिल्लौर जैसे अतिसंवेदनशील इलाको मे सभी ऑफिसर जो कानपुर मे तैनात है। उन सब को पॉइंटस पर लगाया है। वही पीएसी पैरामिलेट्री का कंपोनेंट भी लगाया गया है। इसके साथ ही तीस से ज्यादा क्युआरटी का कंपोनेंट किया गया है ।रात्रि मे कोई घटना हो गयी, तो कौन सा क्षेत्र किस तरफ पड़ता है ।उसकी जानकारी भी पुलिस जुटा रही है।
कानपुर में CAA-NRC के खिलाफ हुए थे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन!
बता दें कि मुस्लिमों को इस कानून के दायरे से बाहर रखने के लिए CAA की आलोचना होती है। सरकार की पहले इसे NRC के साथ लागू करने की योजना थी और इन दोनों कानूनों के खिलाफ देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।
नागरिकता संशोधन कानून क्या है?
संसद ने दिसंबर, 2019 में CAA को संसद से पारित कराया था। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले इन समुदाय के लोगों को तुरंत नागरिकता दे दी जाएगी, वहीं उसके बाद या आगे आने वाले लोगों को 6 साल भारत में रहने के बाद नागरिकता मिल सकेगी।