मनोहर कुशवाहा ने बताया कि महाराष्ट्र के आर्म्ड रेजिमेंट 90 के कैप्टन ने अवैध ड्रोन को रोकने के लिए तकनीकी पर काम करने के लिए कहा था। जिसके बाद दोनों ने काफी मेहनत की। मेहनत रंग लाई और जैमर की पहली यूनिट जनवरी 2025 में सफलतापूर्वक सेना को हैंडओवर किया। इसके बाद दूसरी यूनिट पंजाब के पटियाला रेजिमेंट 77 को भी दी गई है। ड्रोन 2.4 जीएचजेड फ्रीक्वेंसी का बनाया मनोहर के पिता मनोज कुमार सेना की इंजीनियरिंग कोर में हैं। जबकि दीक्षांत के पिता विक्रम सिंह किसान हैं। दीक्षांत ने बताया कि उन्हें एंटी ड्रोन बनाने का आइडिया सीईओ आफ एमआइईटी इंक्यूवेशन फोरम रिहान अहमद से मिला। जिसके बाद उन्होंने इस सिस्टम को बनाना शुरू किया। दीक्षांत और मनोहर ने कवच नाम से जैमर बनाया है। यह ड्रोन 2.4 जीएचजेड फ्रीक्वेंसी का बनाया गया है।
ग्रेटर नोएडा: एक किमी की दायरे उड़ रहे ड्रोन को ध्वस्त कर देगा कवच जैमर

मनोहर कुशवाहा ने बताया कि महाराष्ट्र के आर्म्ड रेजिमेंट 90 के कैप्टन ने अवैध ड्रोन को रोकने के लिए तकनीकी पर काम करने के लिए कहा था। जिसके बाद दोनों ने काफी मेहनत की। मेहनत रंग लाई और जैमर की पहली यूनिट जनवरी 2025 में सफलतापूर्वक सेना को हैंडओवर किया। इसके बाद दूसरी यूनिट पंजाब के पटियाला रेजिमेंट 77 को भी दी गई है। ड्रोन 2.4 जीएचजेड फ्रीक्वेंसी का बनाया मनोहर के पिता मनोज कुमार सेना की इंजीनियरिंग कोर में हैं। जबकि दीक्षांत के पिता विक्रम सिंह किसान हैं। दीक्षांत ने बताया कि उन्हें एंटी ड्रोन बनाने का आइडिया सीईओ आफ एमआइईटी इंक्यूवेशन फोरम रिहान अहमद से मिला। जिसके बाद उन्होंने इस सिस्टम को बनाना शुरू किया। दीक्षांत और मनोहर ने कवच नाम से जैमर बनाया है। यह ड्रोन 2.4 जीएचजेड फ्रीक्वेंसी का बनाया गया है।