Report By : ICN Network
महाराष्ट्र सरकार ने ऐतिहासिक नगर खुलदाबाद का नाम बदलने का निर्णय लिया है। अब यह शहर अपने पुराने नाम “रत्नापुर” से जाना जाएगा। राज्य के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि खुलदाबाद का प्राचीन नाम रत्नापुर था, जिसे मुगल शासनकाल में बदला गया था। सरकार अब ऐतिहासिक नाम को बहाल करने की दिशा में काम कर रही है।
इस नाम परिवर्तन की घोषणा ऐसे समय में आई है जब औरंगजेब के मकबरे को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। खुलदाबाद में स्थित इस मकबरे को लेकर लगातार विवाद होते रहे हैं। संजय शिरसाट ने बताया कि इस निर्णय का उद्देश्य सांस्कृतिक और ऐतिहासिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करना है।
वहीं AIMIM के सांसद इम्तियाज जलील ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने से लोगों की समस्याएं हल नहीं होंगी। सरकार को नाम बदलने की बजाय बेरोजगारी, महंगाई, पानी की कमी और महिला सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
भाजपा नेता और विधान परिषद सदस्य संजय केनेकर ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि औरंगजेब के मकबरे को हटाने की जरूरत नहीं है, लेकिन जनता के मन से उसकी छवि को मिटाना जरूरी है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस क्षेत्र में छत्रपति संभाजी महाराज का स्मारक बनना चाहिए, ताकि युवाओं को सही प्रेरणा मिल सके।
सरकार की इस घोषणा के बाद स्थानीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि इस बदलाव को लेकर आम जनता की प्रतिक्रिया कैसी होती है।