Report By : ICN Network
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शहर में भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री और धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य से एलडीए लखनऊ में स्थित सभी भूखंडों का सर्वेक्षण करेगा, जिससे अवैध कब्जे और जालसाजी को रोका जा सके।
एलडीए के अधिकारियों ने बताया कि कई मामलों में देखा गया है कि प्राधिकरण के स्वामित्व वाले भूखंडों को जालसाजों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचने की कोशिश की जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए एलडीए एक व्यापक सर्वेक्षण करेगा, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी भूखंडों का सही रिकॉर्ड रखा जाए और अनधिकृत रजिस्ट्री को रोका जा सके।
एलडीए इस सर्वेक्षण के जरिए सभी भूखंडों का डाटा डिजिटल प्रणाली में संरक्षित करेगा। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि भूखंडों का स्वामित्व स्पष्ट रहे और किसी भी प्रकार की हेराफेरी की गुंजाइश न रहे। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होने के बाद, कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन जांच कर सकेगा कि भूखंड का असली मालिक कौन है और क्या वह प्राधिकरण की स्वीकृति के बिना बेचा जा सकता है या नहीं।
एलडीए कार्यालय में आने-जाने पर भी सख्ती की जाएगी। अब बिना अनुमति पत्र (पास) के किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि हाल ही में कई मामलों में फर्जी दस्तावेजों की मदद से भूखंडों की अवैध रजिस्ट्री कर उन्हें बेचे जाने की घटनाएं सामने आई थीं।
एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सर्वेक्षण को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और फर्जीवाड़ा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, प्राधिकरण द्वारा जिन लोगों को कानूनी तरीके से भूखंड आवंटित किए गए हैं, उनके रिकॉर्ड को भी पुनः सत्यापित किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी तरह की अनियमितता को रोका जा सके।
इस नई व्यवस्था से आम नागरिकों को भी लाभ होगा, क्योंकि वे किसी भी भूखंड की वैधता की जांच ऑनलाइन कर सकेंगे और धोखाधड़ी से बच पाएंगे। इसके अलावा, यदि किसी भूखंड पर विवाद होता है, तो प्राधिकरण के पास पहले से ही उसका सटीक रिकॉर्ड मौजूद होगा, जिससे मामलों का निपटारा जल्दी हो सकेगा।
एलडीए का यह कदम न केवल भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगाएगा, बल्कि लखनऊ में संपत्ति से जुड़े विवादों को भी कम करने में मदद करेगा।