Report By : ICN Network
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) शहर में तीन नई आवासीय योजनाओं की शुरुआत करने जा रहा है, जिससे करीब आठ लाख लोगों को घर मिल सकेगा। ये योजनाएँ मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत लागू की जाएंगी, जिसके लिए आवश्यक बजट शासन से स्वीकृत होगा। एलडीए ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए शासन को भेज दिया है।
एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जानकारी दी कि ये योजनाएँ एलडीए सीमा क्षेत्र के भीतर लाई जाएंगी। इनमें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे 1800-1800 एकड़ भूमि तथा मोहनलालगंज में जेल के पीछे 1200 एकड़ भूमि पर आवासीय विकास किया जाएगा। इस परियोजना के लिए आवश्यक धनराशि शासन से मांगी जाएगी, जिससे हजारों परिवारों को आवासीय सुविधा मिल सकेगी।
एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि मोहन रोड पर ‘अनंत नगर योजना’ को रामनवमी के अवसर पर लॉन्च करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस योजना के तहत भूमि की कीमत 41,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी, जबकि फ्री होल्ड शुल्क अलग से देना होगा। लॉन्चिंग के मौके पर 334 प्लॉटों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इसके साथ ही बीकेटी योजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। कई वर्षों से लंबित प्रबंधन नगर योजना को भी शीघ्र लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के बाद यह योजना और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
एलडीए द्वारा आयोजित दो दिवसीय रजिस्ट्री शिविर के पहले दिन 97 रजिस्ट्रियाँ पूरी की गईं। हालांकि, यह शिविर सुबह 10 बजे शुरू होना था, लेकिन रजिस्ट्री विभाग के कर्मचारी करीब डेढ़ घंटे की देरी से पहुंचे, जिससे आवंटियों को परेशानी झेलनी पड़ी। रजिस्ट्री शिविर का आयोजन गुरुवार को भी किया जाएगा।
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि रजिस्ट्री से पहले आवंटियों की फाइलें तैयार करने के लिए सात दिन तक विशेष कैंप आयोजित किया गया था, जिसमें 384 फाइलें रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार की गईं। सुबह से ही आवंटियों की भीड़ रजिस्ट्री कार्यालय में जुटनी शुरू हो गई थी और यह प्रक्रिया देर शाम तक चलती रही।
रजिस्ट्री कराने पहुँची राजाजीपुरम की निवासी संतोष शुक्ला को व्हीलचेयर न मिलने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनके पैर का हाल ही में ऑपरेशन हुआ था, लेकिन जब वे एलडीए कार्यालय पहुँचीं तो सीढ़ियाँ देखकर रो पड़ीं। उनके पति ने व्हीलचेयर खोजने की कोशिश की, लेकिन वह उपलब्ध नहीं थी।
इसकी सूचना मिलने पर एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने तत्काल उप सचिव माधवेश कुमार को व्हीलचेयर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। हालांकि, इस प्रक्रिया में महिला को 40 मिनट तक इंतजार करना पड़ा।