लखनऊ। साइबर जालसाजों ने विकासनगर निवासी सेवानिवृत्त वरिष्ठ बैंककर्मी सिद्धार्थ नाथ को 51 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखकर उनसे 2.75 करोड़ रुपये वसूल लिए। डराने के लिए उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी बताया और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये उनकी कोर्ट में पेशी तक करा दी। मामले में विकासनगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित के मुताबिक 30 जुलाई को सुबह 10:57 बजे उन्हें व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से ऑडियो कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का कर्मी बताया और पूछा कि क्या आपने 15 जुलाई को मुंबई में सिम खरीदा था, जिसका इस्तेमाल गलत गतिविधियों में हो रहा है। पीड़ित के मना करने पर उसने कहा कि यदि आपने सिम खरीदा है तो वह दो घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा।
इसके लिए पुलिस से शिकायत करनी पड़ेगी। इसके बाद ठग ने कॉल फर्जी पुलिसकर्मी को ट्रांसफर कर दी। कुछ देर बाद पुलिसकर्मी बने एक ठग ने पीड़ित से कहा कि तुम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी हो। डिजिटल कोर्ट में तुम्हारी पेशी होगी। यह सुन सिद्धार्थ नाथ घबरा गए और जालसाजों की बातों में आ गए।