Report By : ICN Network
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की महागुन मंत्रा-1 सोसाइटी के निवासियों ने रविवार को मासिक रखरखाव प्रबंधन बैठक से किनारा कर लिया। उनका साफ कहना है कि यदि हालात नहीं सुधरे, तो वे रखरखाव शुल्क में 20 फीसदी की कटौती करेंगे। निवासियों के मुताबिक, बीते एक वर्ष से वे हर बैठक में सुझाव देते रहे हैं; प्रबंधन नोट तो कर लेता है, मगर अमल कहीं दिखाई नहीं देता।
बेसमेंट में अस्थायी कूड़ा-घर बना देने से बदबू इतनी फैल रही है कि नीचे उतरना कठिन हो गया है, जबकि वहां अपशिष्ट निस्तारण मशीन लगनी थी। सोसाइटी की हरियाली निरंतर खत्म होती जा रही है और उसे बचाने के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया। जगह-जगह फटी-टूटी टाइलें भी खतरा बनी हुई हैं—रखरखाव टीम एक साल से इन्हें बदलने का वादा कर रही है, पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ।
सोसाइटी में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। जो लगे हैं, वे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। सरफेस पर ग्रीन एरिया को बिल्डर ने पार्किंग बना कर बेच दिया। निवासियों के बार बार कहने के बाद भी गेस्ट पार्किंग चिह्नित नहीं की गई,जिसके कारण आने वाले गेस्ट को असुविधा होती है। एसटीपी के संचालन में रुकावट व उसकी कनेक्टिविटी में व्यवधान आने के कारण अक्सर नीचे के फ्लोर में सीवेज का पानी कमोड के रास्ते ड्राइंग रूम व किचन तक फ़ैल जाता है।
सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि आसपास की अन्य सोसाइटियों की तुलना में यहां का मेंटेनेंस शुल्क सबसे अधिक है, बावजूद इसके सुविधाएं संतोषजनक नहीं हैं। रखरखाव की स्थिति से असंतुष्ट लोग 20% शुल्क में कटौती के साथ महागुन के प्रधान कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। इस दौरान देवेन्द्र जाखड़, जे पी पांडेय, राजेश कुमार, सुमन कुमार झा, राजेश गुप्ता, विकास कुमार सिंह और मोहित चोपड़ा ने एक बैठक कर प्रबंधन को एक महीने के भीतर व्यवस्था सुधारने की चेतावनी दी है।