फडणवीस ने पीएम मोदी को एक ज्ञापन सौंपकर बाढ़ की विभीषिका से बिहार के हालात की पूरी तस्वीर पेश की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है, जिस पर गंभीरता से विचार होगा। फडणवीस ने भाजपा के घोषणापत्र में किए गए कर्जमाफी के वादे को दोहराते हुए कहा कि इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। इसके लिए एक समिति गठित की गई है, जो कर्जमाफी को प्रभावी और टिकाऊ बनाने की दिशा में काम करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बार-बार कर्जमाफी संभव नहीं, इसलिए इसे इस तरह लागू किया जाएगा कि किसानों को लंबे समय तक इसका लाभ मिले। किसानों की तात्कालिक जरूरतें प्राथमिकता
सीएम ने कहा कि खरीफ फसल के लिए लिए गए कर्ज को अगले साल चुकाने की जिम्मेदारी है, लेकिन अभी किसानों की सबसे बड़ी चिंता उनके खातों में तुरंत आर्थिक मदद पहुंचाना है। “हमारा पहला लक्ष्य है कि किसानों के जख्मों पर मरहम लगे और उनकी जरूरतें पूरी हों,” फडणवीस ने दृढ़ता से कहा। अजित पवार का बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा
इससे पहले, गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बीड जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों के लिए सहायता मांगने का भरोसा दिलाया। पवार ने कहा कि जिन खेतों की मिट्टी बाढ़ में बह गई, सरकार उनकी बहाली के लिए मदद देगी। साथ ही, जलाशयों में कीचड़ जमा होने से नष्ट हुए कुओं के पुनर्जनन के लिए भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। “हमारा मकसद है कि हर प्रभावित किसान को संबल मिले और उनकी जिंदगी फिर से पटरी पर लौटे,” पवार ने आश्वस्त किया।