Report By : ICN Network
महाराष्ट्र सरकार ने अपनी प्रमुख कल्याणकारी योजना ‘लाडली बहन योजना’ के तहत मई माह की किस्त जारी करने के लिए आदिवासी विकास विभाग से 335.70 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की है। इससे पहले, अप्रैल माह की किस्त के लिए 410.30 करोड़ रुपये सामाजिक न्याय विभाग से महिला और बाल विकास विभाग को हस्तांतरित किए गए थे। इस प्रकार, कुल मिलाकर 746 करोड़ रुपये इन दोनों विभागों से लाडली बहन योजना के लिए डायवर्ट किए गए हैं।
इस फैसले पर सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को सामाजिक न्याय विभाग की जरूरत नहीं है तो उसे बंद कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि वित्त विभाग ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इन विभागों की निधियों को अन्य विभागों में ट्रांसफर किया है।
वहीं, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस निर्णय का बचाव करते हुए बताया कि यह राज्य सरकार की मंजूरी से लिया गया कदम है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उन्होंने मिलकर इस पर सहमति जताई थी। उन्होंने इसे महायुति सरकार का सामूहिक निर्णय बताया।
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर माह 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। विधानसभा चुनाव के दौरान इस राशि को बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया गया था, लेकिन वर्तमान वित्तीय संकट के कारण सरकार को विभिन्न विभागों से फंड ट्रांसफर करने की जरूरत पड़ रही है।
इस निर्णय ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और विपक्षी दलों ने इसे आदिवासी और अनुसूचित जाति समुदायों के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और योजना के लाभार्थियों को समय पर सहायता मिल पाती है या नहीं।