Report By : ICN Network
अब तक मुंबई और उसके उपनगरों में बिजली आपूर्ति का जिम्मा बेस्ट, टाटा पावर और अडानी इलेक्ट्रिसिटी जैसी निजी कंपनियों के पास था। लेकिन अब इस प्रतिस्पर्धा में सरकारी कंपनी महावितरण (MSEDCL) भी उतरने जा रही है। कंपनी ने मुंबई में बिजली आपूर्ति के लिए महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (MERC) से औपचारिक रूप से लाइसेंस की मांग की है और वादा किया है कि वह मुंबईकरों को सस्ती दरों पर बिजली मुहैया कराएगी।
महावितरण के चेयरमैन लोकेश चंद्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम बेस्ट, टाटा और अडानी की तुलना में सस्ती बिजली देंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने बिजली दरों को दोबारा तय करते हुए कीमतें घटाने का निर्देश दिया है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है।
हालांकि, अभी महावितरण के पास मुंबई में बिजली वितरण का मौजूदा नेटवर्क नहीं है, ऐसे में नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना बड़ी चुनौती होगी। लेकिन कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह उपभोक्ताओं की सेवा के लिए पूरी तरह तैयार है।
महावितरण ने यह भी साफ किया कि राज्य भर में बिजली दरें समान रहेंगी — यानी मुंबई के लिए अलग दर या कंपनी नहीं होगी। इससे पूरे महाराष्ट्र में बिजली दरों में एकरूपता बनी रहेगी।
फिलहाल, महावितरण पूर्वी उपनगरों जैसे भांडुप और मुलुंड में बिजली की आपूर्ति कर रही है। अब उसने कोलाबा से माहिम, बांद्रा से दहिसर, विक्रोली से चूनाभट्टी, मानखुर्द, चेना, काजूपाड़ा और मीरा-भायंदर तक के इलाकों में बिजली सप्लाई के लिए लाइसेंस मांगा है। अनुमति मिलने पर ये सभी क्षेत्र महावितरण के दायरे में आ जाएंगे।
महावितरण के प्रवेश से अब बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में चार बड़ी कंपनियां — बेस्ट, टाटा पावर, अडानी इलेक्ट्रिसिटी और महावितरण — एक-दूसरे के आमने-सामने होंगी। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों और बेहतर सेवाओं के रूप में सीधा लाभ मिलने की संभावना है।