Report By : Himanshu Garg (UP Politics)
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है वैसे-वैसे यूपी की सियासत का पारा भी हाई होता नजर आ रहा है। उधर इस लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को हराने के लिए इंडिया गठबंधन भी तैयार है। हाल ही में अखिलेश यादव ने बीएसपी प्रमुख को लेकर एक बयान दिया था। जिसका आज यानी रविवार को पलटवार करते हुए मायावती ने कहा की अखिलेश को अपनी गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। हम पर तंज कसने की जगह खुद देखें की कौन बीजेपी से आशीर्वाद ले रहा है।
1. अपनी व अपनी सरकार की ख़ासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने सेे पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांँककर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है।
बसपा प्रमुख मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर अखिलेश को लेकर लिखा कि “अपनी व अपनी सरकार की ख़ासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज़ कसने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांककर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दाग़दार है।
“बसपा प्रमुख ने आगे लिखा कि “साथ ही, तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आर्शीवाद दिए जाने को कौन भुला सकता है। और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भूला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लडे़ तो यह उचित होगा।”
बता दें कि कल यानी शनिवार को अखिलेश यादव बलिया दौरे पर थे। यहां पत्रकारों ने जब उनसे इंडिया ब्लॉक में मायावती और बसपा को शामिल करने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने तंज भरे लहजे में पूछा, ‘उसके बाद का (2024 लोकसभा चुनाव) भरोसा आप दिलाओगे। बात भरोसे का है। अगर वह आती हैं तो आप में से कौन भरोसा दिलाएगा?’