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नोएडा: यूपी में बन रहा है मेडिकल डिवाइस हब

सीएम योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी और पूर्व डीसीजीआई जीएन सिंह ने ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 स्थित इस पार्क का निरीक्षण किया और विकास कार्यों की गहन समीक्षा की.

उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मेडिकल डिवाइस पार्क को लेकर तैयारियां अब रफ्तार पकड़ रही हैं. शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी और पूर्व डीसीजीआई जीएन सिंह ने ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण  के सेक्टर-28 स्थित इस पार्क का निरीक्षण किया और विकास कार्यों की गहन समीक्षा की.

यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए 350 एकड़ में विस्तारित इस परियोजना की अब तक की प्रगति की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह पार्क देश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस निर्माण केंद्र बनने जा रहा है, जो मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती देगा.

89 भूखंडों का आवंटन पूरा
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह ने बताया कि अब तक प्राधिकरण द्वारा 89 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है. इनमें से 65 अलॉटियों को चेकलिस्ट जारी, 47 की रजिस्ट्री पूरी, और 10 के बिल्डिंग मैप्स स्वीकृत हो चुके हैं. अब तक 7 कंपनियों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जबकि कुछ कंपनियों को निर्माण में विलंब के लिए नोटिस जारी कर DPR के अनुसार कार्य योजना मांगी गई है.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर सभी 89 अलॉटियों के लीज प्लान तैयार कर लिए जाएं. उन्होंने यह भी बताया कि कॉमन साइंटिफिक फैसिलिटी की इमारतें लगभग पूर्णता के कगार पर हैं, जो पार्क की प्रमुख आधारशिला बनेंगी.

प्री-बिड मीटिंग का प्रावधान होगा

अवनीश अवस्थी ने बैठक में निर्देश दिया कि कार्यों से संबंधित Request for Proposal (RFP) में एक प्री-बिड मीटिंग का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए, जिससे अलॉटियों को प्रक्रिया समझने में आसानी हो.
वहीं जीएन सिंह ने आग्रह किया कि एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में मेडिकल डिवाइस प्रमोशनल काउंसिल, इंडियन फार्माकोपोइया कमीशन (IPC), डिप्टी ड्रग कंट्रोलर (CDSCO) और स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को स्थान दिया जाए, जिससे सभी औद्योगिक सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हों.

उद्योग प्रतिनिधियों ने दी निवेश और उत्पादों की जानकारी

बैठक में एवियंस बायोमेडिकल्स ने बताया कि वे 22 करोड़ का निवेश कर रहे हैं, जबकि स्योन मेडटेक द्वारा 80,000 वर्ग फीट क्षेत्र में 80 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक प्लांट बनाया जा रहा है, जिसकी तकनीक यूएसए से ली गई है. इनके उत्पाद वर्तमान में 22 देशों में निर्यात किए जा रहे हैं. मेसर्स कृष मेडिकोज़ द्वारा बैंक लोन की आवश्यकता जताई गई, जिस पर अवस्थी ने प्राधिकरण अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ऐसी कंपनियों को बैंक से लोन दिलाने में हरसंभव सहायता करें.

15 अगस्त तक मांगी गई प्रगति रिपोर्ट

अवनीश अवस्थी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि 15 अगस्त तक एक विस्तृत प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाए, जिससे परियोजना की निगरानी समयबद्ध रूप से हो सके. इस निरीक्षण बैठक में कपिल सिंह (अपर सीईओ), शैलेंद्र भाटिया, शैलेंद्र कुमार सिंह, प्रवीण मित्तल, राजेंद्र भाटी, मेहराम सिंह, स्मिता सिंह (एजीएम) समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. यह परियोजना उत्तर प्रदेश को हेल्थकेयर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है.

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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