
रिजवी का दावा है कि सनोज मिश्रा की अब तक कोई भी फिल्म रिलीज नहीं हुई है। कौन हैं जितेंद्र नारायण सिंह उर्फ वसीम रिजवी जितेंद्र नारायण सिंह उर्फ वसीम रिजवी एक फिल्म प्रोड्यूसर हैं। वह मोनालिसा को साथ ले जाने वाले सनोज मिश्रा के साथ में 3 फ़िल्में बंगाल डायरी, राम की जन्मभूमि और काशी टू कश्मीर बना चुके हैं। हाल ही में वह एक यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू के लिए पहुंचे थे। जहां उन्होंने दावा किया है कि सनोज मिश्रा की कोई भी फिल्म अभी तक रिलीज नहीं हुई है। वह हद से ज्यादा शराब पीता है। यहां तक कि वह फिल्म के सेट पर शराब पीकर आया है। उसने वहां महिला स्टाफ के साथ बद्तमीजी भी की। वसीम रिजवी ने आरोप लगाया कि सनोज मिश्रा को शराब पीने के बाद लड़कियां चाहिए होती हैं। हालांकि नवभारत टाइम्स.कॉम ऐसे किसी दावे की पुष्टि नहीं करता है। बिना फाइनेंसर के कैसे बनेगी फिल्म? वसीम रिजवी ने आरोप लगाया कि ‘सनोज मिश्रा के पास न तो फाइनेंसर है। न ही खुद के पास पैसा है, वो फिल्म बना कैसे रहा है। मणिपुर डायरी कभी नहीं बनेगी, ये सिर्फ उस लड़की की मासूमियत का फायदा उठाकर उसको लेकर चारों तरफ घूम रहा है।’ फिल्म प्रोड्यूसर ने दावा किया कि हमने बहुत नुकसान उठाया है। ऐसे कई प्रोड्यूसर हैं, जिसको इसने ठगा है। वह पूरी तरह एक्सपोज हो चुका है। ट्रैप में फंस चुकी हैं मोनालिसा! वसीम रिजवी ने कहा कि मोनालिसा के घरवाले अगर डायरेक्टर के बारे में पता करते तो वह अपनी लड़की कभी उसके साथ नहीं भेजते। फिल्म बनाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। सनोज मिश्रा पर अब कोई पैसा लगाने को तैयार नहीं है। जिस फिल्म का ऐलान किया है, उस फिल्म की शूटिंग कहां हो रही है? उसका बजट कहां हैं? वह मार्केट से पैसे उधार लेकर भागा हुआ है। उसके ऊपर दो पैसे लगाने वाला भी आज की तारीख में नहीं मिलेगा। फैंस में बढ़ी चिंता इस इंटरव्यू के सामने आने के बाद मोनालिसा को लेकर फैंस की चिंता बढ़ गई है। लोग उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “मोनालिसा को बचाकर उसका सपोर्ट करना जरूरी है।” वहीं, दूसरे ने कहा, “भगवान मोनालिसा की रक्षा करें।”
रेखा चौहान नाम की एक यूजर ने टिप्पणी की, “मोनालिसा के माता-पिता को इतनी जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए था। जवान बेटी को बिना जांच-पड़ताल के भेजना ठीक नहीं था।