लखनऊ के डालीबाग में मुख्तार अंसारी की 1.05 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति अब सरकारी हो गई है. आयकर विभाग ने इसे 2023 में जब्त किया था. अब इस जमीन पर गरीबों के लिए फ्लैट बनाए जा रहे हैं. मुख्तार अंसारी की मार्च 2024 में मौत हो गई थी लखनऊ के डालीबाग इलाके में माफिया मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्ति अब सरकारी संपत्ति बन गई है। आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई को नई दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी ने सही ठहराया है, जिसके बाद यह संपत्ति सरकारी नियंत्रण में आ गई है। इस संपत्ति में 3234 वर्ग फुट का भूखंड शामिल है, जिसकी कीमत 1.05 करोड़ रुपये के आस-पास है। यह जमीन मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्ति थी, जिसे आयकर विभाग ने 1 अक्टूबर 2023 को ज़ब्त किया था। इसके बाद इस संपत्ति को बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध (PPT) अधिनियम के तहत कुर्क कर लिया गया आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बाद, लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने इस जमीन पर गरीबों के लिए फ्लैट बनाने की योजना बनाई है। यह कदम प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इस जमीन को अब जनता के लाभ के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। निर्णायक प्राधिकारी ने सुनवाई के दौरान इस संपत्ति के बेनामीदार के रूप में गाजीपुर की महिला तनवीर सहर का नाम लिया और साथ ही मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी और उसके गैंग के सदस्य गणेश दत्त मिश्रा को भी संपत्ति के हितधारक करार दिया आयकर विभाग की कार्रवाई को सही ठहराते हुए प्राधिकरण ने तनवीर सहर को मुख्तार अंसारी के परिवार का सहयोगी बताया। यह साबित हुआ कि यह संपत्ति मुख्तार अंसारी और उसके गैंग से संबंधित थी। इसके बाद यह संपत्ति सरकार की हो गई और अब इसका इस्तेमाल गरीबों के लिए मकान बनाने में किया जा रहा है मुख्तार अंसारी, जो माफिया से नेता बने थे, मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। उन पर 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे, जिनमें से आठ मामलों में उन्हें सजा भी हो चुकी थी। मार्च 2024 में, जब वह बांदा जेल में थे, उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई थी। अब उनकी बेनामी संपत्ति का सरकारीकरण यह साबित करता है कि अपराध और माफियागिरी के खिलाफ सरकार की कार्रवाई जारी है और ऐसे मामलों में कानून का शासन मजबूत हो रहा है
मुख्तार अंसारी की 1 करोड़ की बेनामी संपत्ति अब गरीबों के लिए फ्लैट बन रही

लखनऊ के डालीबाग में मुख्तार अंसारी की 1.05 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति अब सरकारी हो गई है. आयकर विभाग ने इसे 2023 में जब्त किया था. अब इस जमीन पर गरीबों के लिए फ्लैट बनाए जा रहे हैं. मुख्तार अंसारी की मार्च 2024 में मौत हो गई थी लखनऊ के डालीबाग इलाके में माफिया मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्ति अब सरकारी संपत्ति बन गई है। आयकर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई को नई दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी ने सही ठहराया है, जिसके बाद यह संपत्ति सरकारी नियंत्रण में आ गई है। इस संपत्ति में 3234 वर्ग फुट का भूखंड शामिल है, जिसकी कीमत 1.05 करोड़ रुपये के आस-पास है। यह जमीन मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्ति थी, जिसे आयकर विभाग ने 1 अक्टूबर 2023 को ज़ब्त किया था। इसके बाद इस संपत्ति को बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध (PPT) अधिनियम के तहत कुर्क कर लिया गया आयकर विभाग की इस कार्रवाई के बाद, लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने इस जमीन पर गरीबों के लिए फ्लैट बनाने की योजना बनाई है। यह कदम प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इस जमीन को अब जनता के लाभ के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। निर्णायक प्राधिकारी ने सुनवाई के दौरान इस संपत्ति के बेनामीदार के रूप में गाजीपुर की महिला तनवीर सहर का नाम लिया और साथ ही मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी और उसके गैंग के सदस्य गणेश दत्त मिश्रा को भी संपत्ति के हितधारक करार दिया आयकर विभाग की कार्रवाई को सही ठहराते हुए प्राधिकरण ने तनवीर सहर को मुख्तार अंसारी के परिवार का सहयोगी बताया। यह साबित हुआ कि यह संपत्ति मुख्तार अंसारी और उसके गैंग से संबंधित थी। इसके बाद यह संपत्ति सरकार की हो गई और अब इसका इस्तेमाल गरीबों के लिए मकान बनाने में किया जा रहा है मुख्तार अंसारी, जो माफिया से नेता बने थे, मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रह चुके थे। उन पर 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे, जिनमें से आठ मामलों में उन्हें सजा भी हो चुकी थी। मार्च 2024 में, जब वह बांदा जेल में थे, उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई थी। अब उनकी बेनामी संपत्ति का सरकारीकरण यह साबित करता है कि अपराध और माफियागिरी के खिलाफ सरकार की कार्रवाई जारी है और ऐसे मामलों में कानून का शासन मजबूत हो रहा है