मुख्तार अंसारी की मौत के 26 दिन बाद उसकी विसरा रिपोर्ट आ गई है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि मुख्तार की मौत जहर से नहीं, बल्कि हार्ट अटैक से हुई थी। विसरा रिपोर्ट न्यायिक जांच टीम को भेज दी गई है।
29 मार्च को ही मुख्तार के शव को देर रात गाजीपुर पैतृक घर ले जाया गया। 30 मार्च की सुबह कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। फिलहाल, मुख्तार की मौत की जांच न्यायिक टीम कर रही है। 30 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपनी है। न्यायिक टीम अब तक 3 बार जेल के अंदर जाकर जांच-पड़ताल कर चुकी है।
जांच टीम ने जेल में मुख्तार की बैरक की जांच की। उन बर्तनों से सैंपल कलेक्ट किए थे, जिनमें मुख्तार को खाना परोसा जाता था। अगर वक्त नहीं बढ़ता तो 5 दिन के अंदर न्यायिक टीम को रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी।
यह रिपोर्ट इसलिए अहम है क्योंकि 21 मार्च यानी मौत से 7 दिन पहले खुद मुख्तार ने बाराबंकी कोर्ट में एप्लिकेशन दी थी। इसमें उसने दावा किया था कि जेल में उसकी हत्या की साजिश हो रही है। उसे खाने में स्लो पॉइजन दिया जा रहा है।
मुख्तार की मौत के बाद उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी और बेटे उमर अंसारी ने भी मुख्तार को जहर दिए जाने का आरोप लगाया था। अफजाल अंसारी ने कहा था कि उनके पास जेल में मुख्तार को जहर देने के सबूत हैं, जिसे समय आने पर सबके सामने रखूंगा।
मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद था। 28 मार्च की रात उसे बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था। 9 डॉक्टर्स ने उसका इलाज किया, लेकिन मुख्तार को बचाया नहीं जा सका। 29 मार्च को ढाई घंटे तक मुख्तार का पोस्टमॉर्टम हुआ। रिपोर्ट में दावा किया गया कि मौत हार्ट अटैक से हुई।
हालांकि, पोस्टमॉर्टम से पहले बेटे उमर अंसारी ने डीएम को लेटर लिखा था। इसमें दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की गई थी। ऐसे में पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने विसरा सुरक्षित रख लिया था। उसे जांच के लिए लैब भेजा गया था। अब बिसरा रिपोर्ट सामने आई है।