Report By : Rishabh Singh, ICN Network
कानपुर में नौतपा का कहर देखने को मिल रहा है। शहर में पारा 45 से 47 डिग्री तक जा रहा है, जिसके चलते हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में अचानक से वृद्धि देखने को मिला है। वहीं, हिट ग्रेंस और हिट एग्जॉशन के मरीज भी अधिक आ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते के अंदर करीब 8 से 10 प्रतिशत मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।
14 मरीज अस्पताल में बेहोशी के कारण भारती कराए गए ।मेडिसिन विभाग की बात करें तो मेडिकल कॉलेज, उर्सला अस्पताल में रोजाना ओपीडी में सैकड़ों की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। सोमवार और मंगलवार को मेडिकल कॉलेज में लगभग 2000 तो वहीं उर्सला में भी इसी तरह मरीज पहुंचे है। उर्सला अस्पताल में सोमवार को इमरजेंसी वार्ड में 14 मरीज भर्ती हुए।
उर्सला अस्पताल के निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने बताया कि अधिक गर्मी पड़ने के कारण पिछले एक हफ्ते के अंदर मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। पिछले एक हफ्ते में 37 हीट स्ट्रोक के मरीज भर्ती हुए है।
पैरों में दर्द, प्यास अधिक लगना है लक्षण डॉ. अग्रवाल ने बताया कि शुरू में लोगों को पैरों में दर्द और प्यास अधिक लगती है। शरीर में कमजोरी महसूस होती है। ऐसे लोगों को तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए और अपनी देखभाल करनी चाहिए। जरा सी लापरवाही हीट स्ट्रोक में बदल सकती है। अगर हीट स्ट्रोक हुआ तो इसमें मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने बताया कि जब किसी व्यक्ति को हीटस्ट्रोक होता है तो उसके शरीर का तापमान सीधे 105-106 डिग्री पर पहुंच जाता है, जो कि सीधे दिमाग पर असर करता है। ऐसे में मरीज को दवा देकर बुखार उतारना बहुत मुश्किल होता है।
ऐसे समय मरीज को ठंडे पानी की पट्टी करनी पड़ती है या फिर बर्फ के पानी से उसे नहलाया जाता है या एसी वाले कमरे में रखा जाता है। अस्पताल में हीट वेव वाले वार्ड में 10 एसी लगाए गए है। इसके अलावा ठंडे पानी की व्यवस्था कराई गई है।