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दिल्ली-एनसीआर में पराली जलाने और वाहनों पर नए प्रतिबंध

नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर जिलों के अधिकारियों को पराली जलाने को पूरी तरह रोकने के आदेश दिए है। स्पष्ट कहा है कि अगर कोई अधिकारी लापरवाही बरतेगा तो उसके खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज की जाएगी।
उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पड़ोसी जिलों में आग की घटनाएं ज्यादा होने के कारण वहां विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए। सीएक्यूएम ने किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनों का सही इस्तेमाल करने, सप्लाई चेन मजबूत करने और जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। साथ ही, खुले में कचरा या बायोमास जलाने की शिकायतों को 24 घंटे में सुलझाने का आदेश दिए। सीएक्यूएम की 25वीं बैठक अध्यक्ष राजेश वर्मा की अगुवाई में हुई। बैठक में आगामी सर्दियों की तैयारियों, ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के अमल और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुख्य स्रोतों जैसे वाहनों का धुआं, फैक्टरियों का उत्सर्जन और पराली जलाने पर चर्चा की गई। आयोग ने इन मुद्दों पर सख्त निर्देश जारी किए ताकि हवा की गुणवत्ता सुधारी जा सके।

वाहनों के प्रवेश पर नए नियम

सीएक्यूएम ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेशों को ध्यान में रखते हुए पुराने निर्देशों में बदलाव किया है। ऐसे में 1 नवंबर, 2025 से दिल्ली में सिर्फ बीएस-6, सीएनजी, एलएनजी या इलेक्ट्रिक कॉमर्शियल वाहनों को आने की इजाजत होगी। दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों को छूट मिलेगी। हालांकि, बीएस-4 वाहनों को 31 अक्तूबर 2026 तक अस्थायी छूट दी गई है। पुराने वाहनों (ईओएल) को हटाने का प्लान सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक रोक दिया गया है, जिसमें 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर कार्रवाई न करने को कहा गया है।

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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