Report By : ICN Network
नोएडा प्राधिकरण ने 13 मई 2025 को सभी हाउसिंग सोसाइटियों—चाहे वे अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन, रेज़िडेंट वेलफ़ेयर एसोसिएशन या सीधे बिल्डर द्वारा संचालित हों—को नोटिस भेजकर स्पष्ट कर दिया कि अब किसी भी इमारत की बालकनी की मुंडेर या उस पर लगे लोहे के स्टैंड में गमले रखना पूरी तरह प्रतिबंधित है। यह कार्रवाई पुणे की एक सोसाइटी में ऊपरी मंज़िल से गमला गिरने से बच्चे की मौत के बाद एहतियाती तौर पर की गई है, ताकि नोएडा के 180 से अधिक बहुमंज़िला टावर्स में ऐसी दुर्घटना न दोहराए।
प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि यदि किसी फ़्लैट में गमला मुंडेर पर पाया गया, तो पहले दोषी फ़्लैट मालिक के ख़िलाफ़ और ज़रूरत पड़ने पर संबंधित एओए अथवा बिल्डर पर भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। नियमों का पालन कराने में लापरवाही बरतने वाले सुरक्षाकर्मी या मेंटेनेंस एजेंसियां भी जवाबदेह होंगी। गमले केवल बालकनी के फ़र्श, टेरेस गार्डन या सोसाइटी के निर्धारित ग्रीन एरिया में ही रखे जा सकते हैं; पहले से लगे स्टील स्टैंड सात दिन के भीतर हटाना अनिवार्य होगा।
एओए और आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों का कहना है कि वे सुरक्षा संबंधी चिंता को समझते हैं, पर उनके पास क़ानूनी दंड देने की शक्ति नहीं है; इसलिए उन्होंने प्राधिकरण और ज़िला प्रशासन से सहयोग, स्पष्ट दिशा-निर्देश और संयुक्त निरीक्षण की माँग की है, ताकि फ़्लैट मालिकों और सोसाइटी प्रबंधन के बीच टकराव की स्थिति न उभरे। नोएडा हाइराइज़ फ़ेडरेशन और नोफ़ा ने मिलकर मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि निरीक्षण के लिए संयुक्त टीम बनाई जाए, किसी भी कार्रवाई से पहले उचित समयसीमा दी जाए और ढीले गमले हटाने के मानक स्पष्ट किए जाएँ।
प्राधिकरण का कहना है कि उसका उद्देश्य जुर्माने वसूलना नहीं, बल्कि बालकनी से गिरने वाली वस्तुओं से होने वाले हादसों को पूरी तरह रोकना है। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और निरीक्षण अभियान अगले सप्ताह से शुरू होगा। अब नोएडा में बालकनी की मुंडेर पर रखा एक छोटा-सा गमला भी बड़ा जुर्म सिद्ध हो सकता है, इसलिए निवासियों को सलाह दी गई है कि वे अपने पौधों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर सोसाइटी प्रबंधन को फोटो-साक्ष्य सहित सूचित करें।