नोएडा में पुराने वाहनों का बाजार जितना आसानी से उपलब्ध है, उतना ही खतरनाक साबित हो रहा है। हाल ही में दिल्ली में हुए हादसे के बाद जब नोएडा के सेकंडहैंड वाहन बाजार की पड़ताल की गई, तो पाया गया कि यहां न नियमों का पालन हो रहा है और न ही किसी तरह की कानूनी प्रक्रिया दिखती है। डीलर पूरे पैसे लेकर तुरंत वाहन दे देते हैं, जबकि ट्रांसफर कराने में एक से दो महीने तक का समय लेने की बात करते हैं।
शहर में सैकड़ों जगह पुरानी गाड़ियां बेचने के लिए बाजार मौजूद हैं। दस्तावेज पूरे होने पर डीलर दावा करते हैं कि एक हफ्ते में वाहन खरीदार के नाम ट्रांसफर कर देंगे और इसके लिए परिवहन विभाग के दफ्तर जाने की भी जरूरत नहीं—सारा काम “जुगाड़” से हो जाएगा। सेक्टर-16 और सेक्टर-18 में ही जस्टडायल पर 221 से अधिक सेकंडहैंड वाहन डीलर सूचीबद्ध हैं। इसके अलावा इंडिया कार बाजार, कार्स24, स्पिनी, कारदेखो, कारवाले, ओएलएक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर कुल चार हजार से ज्यादा गाड़ियां बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। पूरे जिले में हर दिन लगभग 60–80 सेकंडहैंड कारें बिक रही हैं।
एनसीआर में ‘जुगाड़’ से हो रहा वाहन ट्रांसफर
गौतमबुद्ध नगर के डीलर दिल्ली, गाजियाबाद और एनसीआर के अन्य इलाकों की पुरानी गाड़ियां भी आसानी से बेच रहे हैं। मात्र पांच हजार रुपये अतिरिक्त लेकर वे यह आश्वासन देते हैं कि संबंधित दस्तावेज जमा कर नई आरसी खरीदार के नाम पर जारी करवा देंगे। डीलरों के मुताबिक एक एजेंट दस्तावेज लेकर जाता है और कुछ दिनों में पूरा काम करा देता है।