Report By : ICN Network kanpur (UP)
कानपुर चिड़ियाघर के अस्पताल परिसर में बने विद्युत शवदाह गृह में अब चूहे, बिल्ली साथ के ही तेंदुआ, बाघ आदि का भी अंतिम संस्कार हो जाएगा। इसके लिए हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिडेट (एचएएल) लाखों रुपये की नई इंसीनरेटर मशीन लगवाने जा रहा है। इसमें अब करीब 500 किलो वजन तक के जानवर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके लिए चिड़ियाघर प्रबंधन और एचएएल के बीच वार्ता हो गई है।
कानपुर के चिड़ियाघर जो एशिया के बड़े चिड़ियाघरों में शुमार है। यहां साल 2000 में 25 फीट ऊंची विद्युत शव दाहगृह का निर्माण कराया गया था। प्रदेश का यह पहला चिड़ियाघर था। जहां इतना बड़ा शवदाह गृह बनाया गया था। लेकिन एक दिक्कत सामने आई। इसकी हॉपर ट्रै सिर्फ दो फीट की है। इस कारण यहां सिर्फ बिल्ली, खरगोश और चूहे जैसे छोटे जीवों का ही अंतिम संस्कार किया जाता है। लेकिन अब जब बड़ी इंसीनरेटर मशीन लग जाएगी, तो आसानी से बड़े जानवरों का दाह संस्कार हो सकेगा। जमीन में दफनाने की जरूरत ।
नए विद्युत शवदाह गृह में तेंदुआ और बाघ का भी अंतिम संस्कार किया जा सकेगा। इसके लिए नई इनसीन रेटर मशीन लगाने के लिए 66 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जिसमें 500 किलो तक के जानवरों का विद्युत सौदागर से अंतिम संस्कार किया जा सकेगा।