दिल्ली में अब लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सड़कों पर डार्क स्पॉट को खत्म करने का फैसला किया है। अब पुरानी लाइटों को हटाकर टाइमर-युक्त स्मार्ट एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी।
राजधानी की सड़कों पर अंधेरे का खतरा धीरे-धीरे खत्म होने जा रहा है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पुरानी पीली सोडियम वेपर स्ट्रीट लाइटों को हटाकर टाइमर-युक्त स्मार्ट एलईडी लाइटें लगाने का फैसला किया है।
विभाग का कहना है कि इससे शहर के डार्क स्पॉट पूरी तरह खत्म होंगे और खासतौर पर महिलाओं समेत आम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट एलईडी लाइटों में स्ट्रोनॉमिक टाइमर लगा होगा, जो खुद-ब-खुद अंधेरा होते ही लाइटें जला देगा और सूरज निकलते ही उन्हें बंद कर देगा। यह प्रणाली बिजली बचत के साथ सड़क पर रोशनी की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एस्ट्रोनॉमिक एलईडी लाइटें लगाने की पहल पूर्ववर्ती आप सरकार ने करीब 4-5 साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की थी। उस समय 5,000 से 6,000 लाइटें लगाई गईं, जिनमें से ज्यादातर नई दिल्ली जिले में हैं। लेकिन प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया। अब विभाग ने इसे पूरे शहर में लागू करने की तैयारी कर ली है।
दिल्ली में कुल 2.8 लाख पीली सोडियम स्ट्रीट लाइटें हैं, जिनमें से 92,163 लाइटें पीडब्ल्यूडी के अधीन आती हैं। इनमें से 90,666 अभी कार्यरत हैं। अधिकारियों का कहना है कि पीली लाइटें न केवल कम रोशनी करती है बल्कि बिजली की खपत भी अधिक होता है। वहीं, स्मार्ट एलईडी लाइटें ज्यादा चमकदार होने के साथ ऊर्जा खपत भी कम करती हैं।अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में 1,697 डार्क स्पॉट चिह्नित किए गए हैं। इनमें से 400 को ठीक किया जा चुका है, जबकि बाकी स्थानों पर सितंबर के अंत तक काम पूरा कर लिया जाएगा। नई स्मार्ट लाइटें क्षेत्रवार लगाई जाएंगी। पहले चरण में उत्तर, उत्तर पश्चिम और दक्षिण पश्चिम जिलों में करीब 40,000 एलईडी फिटिंग्स पुरानी लाइटों की जगह लगाई जाएंगी। इस काम के लिए जल्द ही टेंडर निकाले जाएंगे। परियोजना पर लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।