Report By : Sachin Upadhyay Kasganj (UP)
कासगंज के तीर्थ नगरी सोरों शूकर क्षेत्र में बसंत पंचमी के अवसर पर क्षेत्राधीश भगवान वराह अपने भक्तों के संग गुलाल व पुष्पों से होली खेली गई । इस दिन से लेकर 30 मार्च रंग पंचमी तक शूकरक्षेत्र में 40 दिवसीय होली महोत्सव प्रारंभ हो जायेगा। बसंत पंचमी उत्सव की शुरुआत सुबह 9बजे से महिलाओ भक्तो ने मंदिर फाग भजन गाकर वसंत पंचमी महोत्सव की शुरुआत की । उसके बाद
मंदिर सेवायत पं. नरेश त्रिगुणायत वराह मंदिर में बसंत पंचमी के दिन सर्वप्रथम बसंती वस्त्र अभूषणों में सजाया भगवान वराह की श्रृंगार सेवा के अंतर्गत गुलाल अर्पित किया गया।
हुरियारे स्वरूप में दर्शन दे रहे भगवान वराह को पंच मेवा युक्त केसरिया मोहन भोग का विशेष भोग लगाया गया। बसंत पंचमी पर भगवान वराह को गैंदा गुलाब के सुगंधित फूलों की माला धारण कराई गई। उसके बाद श्रद्धालुओ पर वराह मंदिर सेवायत नरेश त्रिगुणायत ने पिचकारी से रंग डाल कर महोत्सव मनाया गया । इस पर्व पर समूचा मंदिर विभिन्न प्रकार के सुगंधित पुष्पों, रंग बिरंगे गुब्बारे व कपड़ों से सजाया गया और सुगंधित इत्रों का छिड़काव किया गया। सुबह 11 बजे से 12 बजे तक मंदिर के गर्भगृह से श्रद्धालुओं पर सेवायतों अबीर गुलाल की वर्षा की। इस दिन भगवान वराह को मेवा केसर युक्त खीर और मोहन भोग का विशेष भोग लगाया गया। भगवान वराह के मस्तक, गालों पर लाल गुलाल के बिंदी लगाए गए। भक्तों को मीठे पान प्रसाद स्वरूप दिए गए।
बसंत पंचमी के दिन से ही शूकर क्षेत्र में 40 दिनों तक चलने वाला फाग महोत्सव शुरू हो जाता है। शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीणों क्षेत्रों में फाग खेलने की यह परंपरा आज भी जीवित है। 20 मार्च को रंगभरी एकादशी से 24 मार्च पूर्णिमा तक सरस रंगीली होली का आयोजन होगा। 25 मार्च को धुलैडी के दिन हुरियारों की टोलियां गाजे बाजे के साथ सभी होलिका दहन स्थलों से निकलेंगी। 30 मार्च को रंग पंचमी के दिन गंगा वराह भक्त समिति के तत्वाधान में आओ खेलें गंगा वराह होली महोत्सव का आयोजन होगा।