किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ने से किसानों में उत्साह दिखाई पड़ रहा है। बजट में केसीसी की लिमिट बढ़ने से उनके चेहरे खिले हैं। अयोध्या की पांच तहसीलों में कुल चार लाख 48 हजार 223 किसान पंजीकृत हैं। पिछले वर्ष दिसंबर माह तक एक लाख 19 हजार 512 किसान केसीसी का लाभ ले रहे हैं। इनमें लगभग एक लाख 10 हजार किसानों को बढ़ी लिमिट का सीधा फायदा मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट बढ़ने से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब किसान पांच लाख रुपये तक का कर्ज कम ब्याज दर पर प्राप्त कर सकेंगे। बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केसीसी की सीमा बढ़ाने की घोषणा की, जिसके बाद किसानों के चेहरों पर खुशी झलकी। हालांकि, कुछ किसान ब्याज दर को लेकर अभी भी संशय में हैं। बढ़ी हुई लिमिट का लाभ न केवल किसानों को मिलेगा, बल्कि पशुपालक और मत्स्य पालक भी इससे लाभान्वित होंगे। जिले की पांच तहसीलों में कुल 4 लाख 48 हजार 223 किसान पंजीकृत हैं, और पिछले वर्ष दिसंबर तक 1 लाख 19 हजार 512 किसान केसीसी का लाभ उठा रहे थे। इनमें से लगभग 1 लाख 10 हजार किसानों को बढ़ी हुई सीमा का सीधा फायदा मिलेगा। पहले किसान केसीसी के जरिए तीन लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक किया गया है। यह निर्णय किसानों के लिए बड़ा तोहफा साबित हो सकता है क्योंकि इस कर्ज पर ब्याज दर केवल चार प्रतिशत है, जो उन्हें घरेलू जरूरतों को पूरा करने में भी मदद करता है। केसीसी किसानों के लिए खेती के साथ-साथ अन्य आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में भी सहायक साबित हुआ है। इस वृद्धि से किसानों को साहूकारों या अन्य उधारी स्रोतों से कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं होगी। अब वे आसानी से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज ले सकेंगे। किसानों का मानना है कि इस बदलाव से उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और वे आत्मनिर्भर हो सकेंगे। जखौली के किसान रामप्रेस यादव कहते हैं कि सरकार ने किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है, जिससे वे कम ब्याज दर पर अपनी जरूरतें पूरी कर सकेंगे। वहीं, अमानीगंज के बिरौली झाम के किसान रामसरन ने इस फैसले का स्वागत किया, लेकिन वे ब्याज दर को लेकर संशय व्यक्त करते हैं कि कहीं यह बढ़ ना जाए। तारुन ब्लॉक के देवापट्टी गांव के किसान अमरनाथ पांडेय कहते हैं कि सरकार ने बड़ी राहत दी है, क्योंकि अब वे केसीसी के माध्यम से खेती और अन्य आवश्यक कामों के लिए कर्ज ले सकते हैं। इसके अलावा, युवा किसानों को नई तकनीक से खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है। अब कृषि यंत्रों की खरीददारी भी केसीसी के माध्यम से संभव हो पाएगी एलडीएम गणेश शंकर यादव ने बताया कि पहले केसीसी की सीमा तीन लाख रुपये थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि केसीसी पर ब्याज दर सात प्रतिशत है, लेकिन अगर किसान समय से कर्ज चुकता करते हैं या नवीनीकरण करते हैं, तो उन्हें तीन प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है, जिससे वास्तविक ब्याज दर चार प्रतिशत हो जाती है। यह वृद्धि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी और उन्हें सशक्त बनाएगी
यूपी के जिले में एक लाख 10 हजार किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ी
किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ने से किसानों में उत्साह दिखाई पड़ रहा है। बजट में केसीसी की लिमिट बढ़ने से उनके चेहरे खिले हैं। अयोध्या की पांच तहसीलों में कुल चार लाख 48 हजार 223 किसान पंजीकृत हैं। पिछले वर्ष दिसंबर माह तक एक लाख 19 हजार 512 किसान केसीसी का लाभ ले रहे हैं। इनमें लगभग एक लाख 10 हजार किसानों को बढ़ी लिमिट का सीधा फायदा मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट बढ़ने से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब किसान पांच लाख रुपये तक का कर्ज कम ब्याज दर पर प्राप्त कर सकेंगे। बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केसीसी की सीमा बढ़ाने की घोषणा की, जिसके बाद किसानों के चेहरों पर खुशी झलकी। हालांकि, कुछ किसान ब्याज दर को लेकर अभी भी संशय में हैं। बढ़ी हुई लिमिट का लाभ न केवल किसानों को मिलेगा, बल्कि पशुपालक और मत्स्य पालक भी इससे लाभान्वित होंगे। जिले की पांच तहसीलों में कुल 4 लाख 48 हजार 223 किसान पंजीकृत हैं, और पिछले वर्ष दिसंबर तक 1 लाख 19 हजार 512 किसान केसीसी का लाभ उठा रहे थे। इनमें से लगभग 1 लाख 10 हजार किसानों को बढ़ी हुई सीमा का सीधा फायदा मिलेगा। पहले किसान केसीसी के जरिए तीन लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक किया गया है। यह निर्णय किसानों के लिए बड़ा तोहफा साबित हो सकता है क्योंकि इस कर्ज पर ब्याज दर केवल चार प्रतिशत है, जो उन्हें घरेलू जरूरतों को पूरा करने में भी मदद करता है। केसीसी किसानों के लिए खेती के साथ-साथ अन्य आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में भी सहायक साबित हुआ है। इस वृद्धि से किसानों को साहूकारों या अन्य उधारी स्रोतों से कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं होगी। अब वे आसानी से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज ले सकेंगे। किसानों का मानना है कि इस बदलाव से उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और वे आत्मनिर्भर हो सकेंगे। जखौली के किसान रामप्रेस यादव कहते हैं कि सरकार ने किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है, जिससे वे कम ब्याज दर पर अपनी जरूरतें पूरी कर सकेंगे। वहीं, अमानीगंज के बिरौली झाम के किसान रामसरन ने इस फैसले का स्वागत किया, लेकिन वे ब्याज दर को लेकर संशय व्यक्त करते हैं कि कहीं यह बढ़ ना जाए। तारुन ब्लॉक के देवापट्टी गांव के किसान अमरनाथ पांडेय कहते हैं कि सरकार ने बड़ी राहत दी है, क्योंकि अब वे केसीसी के माध्यम से खेती और अन्य आवश्यक कामों के लिए कर्ज ले सकते हैं। इसके अलावा, युवा किसानों को नई तकनीक से खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है। अब कृषि यंत्रों की खरीददारी भी केसीसी के माध्यम से संभव हो पाएगी एलडीएम गणेश शंकर यादव ने बताया कि पहले केसीसी की सीमा तीन लाख रुपये थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि केसीसी पर ब्याज दर सात प्रतिशत है, लेकिन अगर किसान समय से कर्ज चुकता करते हैं या नवीनीकरण करते हैं, तो उन्हें तीन प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है, जिससे वास्तविक ब्याज दर चार प्रतिशत हो जाती है। यह वृद्धि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी और उन्हें सशक्त बनाएगी