बिसरख पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन के माध्यम से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दंपती समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह रोजाना 8 से 10 लाख रुपये तक की ठगी को अंजाम देता था। आरोपी फर्जी दस्तावेजों से खोले गए खातों में रकम ट्रांसफर कर एटीएम से नकद निकाल लेते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से चेकबुक, बैंक पासबुक, सिम कार्ड, डेबिट कार्ड, 8 लैपटॉप, टैबलेट, नकदी और 56 मोबाइल फोन बरामद किए।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरोह ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर रहा है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने ग्रेनो वेस्ट की लॉ रेजीडेंसिया सोसाइटी के टॉवर-1, फ्लैट नंबर 2101 पर छापा मारा। मौके पर पुलिस को बड़ी मात्रा में लैपटॉप, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पासबुक और चेकबुक मिले। आरोपी लाइव गेमिंग और बेटिंग कमांड्स चला रहे थे और फोन पर यूजर्स को हार-जीत की बाजी लगाने के लिए उकसा रहे थे।
पुलिस ने अंकित सिंह, कीर्तितं, हिमांशु, चिराग जैन, प्रथम मिश्रा, हर्षित वर्मा, अंश वर्मा और नितिन बाबू को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी इटावा के निवासी हैं और पिछले तीन महीनों से यह ठगी का रैकेट चला रहे थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे लियो नाम के एक व्यक्ति के साथ मिलकर यह नेटवर्क ऑपरेट करते थे। पहले यूजर्स को छोटी-छोटी जीत दिखाकर लालच देते और फिर बड़ी धनराशि हड़प लेते थे।
आरोपियों ने बताया कि वे सोशल मीडिया पर गेमिंग के फर्जी विज्ञापन चलाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। लियो लिंक उपलब्ध कराता था, जिसके जरिए यूजर्स नकली वेबसाइट पर पहुंचते थे। वहां उन्हें गेम खेलने के नाम पर पैसे जमा कराने होते थे। गिरोह द्वारा इस्तेमाल की गई बैंक पासबुक और चेकबुक भी फर्जी पहचान पत्रों पर खुलवाई गई थीं। एक फर्जी आईडी के जरिए आरोपी करीब 3,000 यूजर्स जोड़ लेते थे। जिन खातों में 50,000 रुपये से अधिक जमा हो जाते थे, उन्हें तुरंत बंद कर दिया जाता था।