नोएडा। सेक्टर-62 स्थित आईएमएस डिज़ाइन एंड इनोवेशन अकादमी (डीआईए) में ओरियंटेशन कार्यक्रम ‘प्रारंभ-2025’ का आयोजन हुआ कार्यक्रम में डिजाइन इंडस्ट्री के विशेषज्ञ कनिष्क सैनी एवं पुनीत गर्ग ने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए और उन्हें उद्योग की वर्तमान जरूरतों से अवगत कराया। वहीं इस अवसर पर आईएमएस के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन एवं डीआईए के डीन प्रोफेसर (डॉ.) एम.के.वी. नायर सहित संस्थान के सभी शिक्षक मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईएमएस-डीआईए की सीएमडी शिल्पी गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि सीखना किसी सीमित दायरे तक बंधा हुआ नहीं है। सीखने का सिलसिला कभी भी, कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में जारी रह सकता है। सही दृष्टिकोण और जिज्ञासा के साथ व्यक्ति हर परिस्थिति से कुछ नया सीख सकता है। सीएमडी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भविष्य का सफल डिज़ाइनर वही होगा, जो बदलते समय और बदलती जरूरतों को समझे और अपने हुनर से समाज की समस्याओं का रचनात्मक समाधान प्रस्तुत कर सके। प्रो. (डॉ.) विकास धवन ने छात्रों से रचनात्मक और सकारात्मक सोच बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि संस्थान छात्रों के जीवन में फाउंडिंग स्टोन की तरह है। नियमित अध्ययन, थ्योरी एवं प्रायोगिक ज्ञान, समय प्रबंधन और निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं। इस दौरान उन्होंने छात्रों को प्रोफेशनल दायित्व की शपथ भी दिलाई और कहा कि हम सभी यह संकल्प लेते हैं कि अपने हुनर के अनुरूप राष्ट्र और समाज के हित में ईमानदारी से अपने दायित्व निभाएंगे। डिज़ाइन एक्सपर्ट कनिष्क सैनी ने कहा कि डिज़ाइन केवल एक कला या पेशा नहीं है, बल्कि यह जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह जन-जन के लिए है और हर व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है। उन्होंने छात्रों को समझाया कि डिज़ाइन हमारे सोचने, जीने और समाज को देखने के तरीके को बदल देता है। वहीं पुनीत गर्ग कहा कि जीवन की चुनौतियाँ ही व्यक्ति को मजबूत और सक्षम बनाती हैं। यदि चुनौतियां न हों तो इंसान अपनी वास्तविक क्षमता को कभी नहीं पहचान पाता। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए मानसिक संतुलन एवं सकारात्मक दृष्टिकोण का होना जरूरी है। आप सभी जीवन में आने वाली कठिनाइयों से डरने के बजाय सीखने का हिस्सा बनाए। वहीं डीआईए के डीन प्रोफेसर (डॉ.) एम.के.वी. नायर ने छात्रों को संस्थान की अकादमिक संरचना, पाठ्यक्रम और आने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने नए छात्रों का स्वागत करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आज का दिन आपके सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन वह समय है जब अनुशासन, परिश्रम और लगन से सफलता की नींव रखी जाती है। यदि आप सीखने के हर अवसर को गंभीरता से अपनाएंगे, तो आने वाले वर्षों में न सिर्फ डिज़ाइन इंडस्ट्री बल्कि संपूर्ण समाज में आपकी पहचान अलग होगी।
नोएडा: (डीआईए) में ओरियंटेशन कार्यक्रम ‘प्रारंभ-2025’ का आयोजन हुआ कार्यक्रम

नोएडा। सेक्टर-62 स्थित आईएमएस डिज़ाइन एंड इनोवेशन अकादमी (डीआईए) में ओरियंटेशन कार्यक्रम ‘प्रारंभ-2025’ का आयोजन हुआ कार्यक्रम में डिजाइन इंडस्ट्री के विशेषज्ञ कनिष्क सैनी एवं पुनीत गर्ग ने छात्रों के साथ अपने अनुभव साझा किए और उन्हें उद्योग की वर्तमान जरूरतों से अवगत कराया। वहीं इस अवसर पर आईएमएस के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन एवं डीआईए के डीन प्रोफेसर (डॉ.) एम.के.वी. नायर सहित संस्थान के सभी शिक्षक मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईएमएस-डीआईए की सीएमडी शिल्पी गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि सीखना किसी सीमित दायरे तक बंधा हुआ नहीं है। सीखने का सिलसिला कभी भी, कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में जारी रह सकता है। सही दृष्टिकोण और जिज्ञासा के साथ व्यक्ति हर परिस्थिति से कुछ नया सीख सकता है। सीएमडी ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भविष्य का सफल डिज़ाइनर वही होगा, जो बदलते समय और बदलती जरूरतों को समझे और अपने हुनर से समाज की समस्याओं का रचनात्मक समाधान प्रस्तुत कर सके। प्रो. (डॉ.) विकास धवन ने छात्रों से रचनात्मक और सकारात्मक सोच बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि संस्थान छात्रों के जीवन में फाउंडिंग स्टोन की तरह है। नियमित अध्ययन, थ्योरी एवं प्रायोगिक ज्ञान, समय प्रबंधन और निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं। इस दौरान उन्होंने छात्रों को प्रोफेशनल दायित्व की शपथ भी दिलाई और कहा कि हम सभी यह संकल्प लेते हैं कि अपने हुनर के अनुरूप राष्ट्र और समाज के हित में ईमानदारी से अपने दायित्व निभाएंगे। डिज़ाइन एक्सपर्ट कनिष्क सैनी ने कहा कि डिज़ाइन केवल एक कला या पेशा नहीं है, बल्कि यह जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह जन-जन के लिए है और हर व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है। उन्होंने छात्रों को समझाया कि डिज़ाइन हमारे सोचने, जीने और समाज को देखने के तरीके को बदल देता है। वहीं पुनीत गर्ग कहा कि जीवन की चुनौतियाँ ही व्यक्ति को मजबूत और सक्षम बनाती हैं। यदि चुनौतियां न हों तो इंसान अपनी वास्तविक क्षमता को कभी नहीं पहचान पाता। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए मानसिक संतुलन एवं सकारात्मक दृष्टिकोण का होना जरूरी है। आप सभी जीवन में आने वाली कठिनाइयों से डरने के बजाय सीखने का हिस्सा बनाए। वहीं डीआईए के डीन प्रोफेसर (डॉ.) एम.के.वी. नायर ने छात्रों को संस्थान की अकादमिक संरचना, पाठ्यक्रम और आने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने नए छात्रों का स्वागत करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि आज का दिन आपके सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन वह समय है जब अनुशासन, परिश्रम और लगन से सफलता की नींव रखी जाती है। यदि आप सीखने के हर अवसर को गंभीरता से अपनाएंगे, तो आने वाले वर्षों में न सिर्फ डिज़ाइन इंडस्ट्री बल्कि संपूर्ण समाज में आपकी पहचान अलग होगी।