हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने तल्खी से कहा, “2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में मेरी कार पर हमला हुआ था। अगर हम भाजपा के साथ होते, तो क्या वे हमें मारने की कोशिश करते? ये लोग बस वोटों की राजनीति कर रहे हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि AIMIM भाजपा-आरएसएस के खिलाफ अडिग लड़ाई लड़ रही है, और कोई गठबंधन न सही, तो पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी। RJD पर ‘खरीद-फरोख्त’ का आरोप, तेजस्वी पर सीधी चोट
ओवैसी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये ‘धर्मनिरपेक्षता के ठेकेदार’ AIMIM के पांच में से चार विधायकों को ‘खरीद’ ले गए थे। तेजस्वी यादव पर सीधा तंज कसते हुए बोले, “हमने भारी मन से गठबंधन की कोशिश की, लेकिन उन्होंने जवाब तक नहीं दिया। क्या राजनीति में ‘एकतरफा इश्क’ चलता है?” उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान के पत्रों का हवाला देते हुए बताया कि लालू प्रसाद और तेजस्वी को तीन पत्र लिखे गए, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। “हमने सिर्फ छह सीटें मांगीं, क्योंकि हमने पहले ही पांच जीत ली थीं। मंत्री पद की कोई भूख नहीं, बस बराबरी का हक चाहिए। लेकिन वे हमें गुलाम समझते हैं।” गठबंधन की शर्तें साफ: सीमांचल विकास परिषद और सम्मान
ओवैसी ने स्पष्ट किया कि AIMIM की एकमात्र मांग छह सीटें और सीमांचल विकास परिषद की स्थापना का लिखित आश्वासन था। “हमारी संस्कृति में पिता जिंदा हो तो बेटे से पहले उनसे बात होती है। इसलिए इमाम साहब ने लालू जी को पत्र लिखा, फिर तेजस्वी को। अगर जवाब न आए, तो जनता खुद फैसला करेगी कि कौन भाजपा को फायदा पहुंचा रहा है।” उन्होंने RJD नेताओं द्वारा ‘बाहरी’ कहे जाने पर तीखा प्रहार किया, “मैं दूसरे ग्रह से नहीं आया। अपने नेता से पूछो कि हरियाणा के संजय यादव को राज्यसभा क्यों भेजा?” ‘बाघ झुंड में नहीं चलता’: अकेले चुनाव का ऐलान
अंत में ओवैसी ने दृढ़ संकल्प के साथ कहा, “कोई गठबंधन न भी हो, तो AIMIM चुनाव लड़ेगी। बाघ कभी झुंड बनाकर नहीं चलता।” यह बयान बिहार की सियासत में भूचाल ला सकता है, खासकर सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाकों में जहां AIMIM का प्रभाव मजबूत है। ओवैसी की यह यात्रा न केवल पार्टी को मजबूत करेगी, बल्कि विपक्षी गठबंधन की एकजुटता पर सवाल भी खड़े करेगी। बिहार चुनावों से पहले यह राजनीतिक तूफान और तेज होता नजर आ रहा है।