उद्धव ठाकरे
एशिया कप के मैदान पर सियासी तूफान ने जोर पकड़ लिया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने अपने खिलाड़ियों को होटल लौटने का आदेश सुना दिया, जिससे बड़ा हड़कंप मच गया। जियो न्यूज़ के हवाले से आई इस खबर ने दावा किया कि पाकिस्तान अब एशिया कप के मैचों से किनारा कर सकती है। हालांकि, इस ‘बायकॉट’ के नाटक के महज कुछ देर बाद ही पाकिस्तानी टीम ने खेलने का फैसला कर लिया। इस पूरे प्रकरण पर उद्धव ठाकरे गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने जोरदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की टीम एशिया क्रिकेट कप मैच का बहिष्कार करने की धमकी दे रही है, लेकिन हमारी रीढ़विहीन और लालची BCCI तथा भारत सरकार ने पूरे देश की भावनाओं को पैरों तले रौंदते हुए पाकिस्तान के खिलाफ मैच आयोजित कराया।
पाकिस्तान का एशिया कप से पलायन का इरादा? ड्रामेबाजी से सवाल खड़े
एशिया कप में पाकिस्तान का प्रदर्शन अब तक मिला-जुला रहा है—एक मैच में जीत का स्वाद चखा तो एक में हार का कड़वा घूंट। आज, 17 सितंबर को भारतीय समयानुसार रात 8 बजे पाकिस्तान और यूएई के बीच महत्वपूर्ण मुकाबला होने वाला है। PCB की इस ड्रामेबाजी ने सवालों का सैलाब ला दिया कि क्या पाकिस्तान वाकई एशिया कप से बाहर होने का मन बना चुका है? खासकर, जब टूर्नामेंट में उनका सफर अधर में लटक रहा हो।
ICC ने PCB को लगाया तगड़ा झटका: शिकायत ठुकराई
यह घटना कोई नई नहीं है। गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान मैच के टॉस के बाद भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ हाथ मिलाने से साफ इनकार कर दिया था। PCB ने इसकी शिकायत ICC के पास की, लेकिन उनकी गुहार को ठुकरा दिया गया। पाकिस्तान ने उस मैच के रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट (Andy Pycroft) को हटाने की मांग की, जो आज के पाकिस्तान-यूएई मैच के रेफरी भी हैं। PCB ने दोबारा उन्हें बाहर करने की गुजारिश की, लेकिन ICC ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया। ICC ने स्पष्ट किया कि पायक्रॉफ्ट ने कोई गलती नहीं की, बल्कि यह फैसला एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अधिकारियों की जानकारी पर आधारित था।
भारत से मिली करारी हार: हाथ न मिलाने पर भड़का पाकिस्तान
यह विवाद 14 सितंबर को भारत के खिलाफ खेले गए रोमांचक मैच से ही शुरू हुआ था, जहां पाकिस्तान को सात विकेट से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। टॉस और मैच समाप्ति के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम के साथ हाथ न मिलाकर साफ संदेश दे दिया था। इसी से पाकिस्तान को चुभन हुई और PCB ने इसे ICC के समक्ष उठा लिया। लेकिन ICC की खारिजगी ने पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
यह पूरा प्रकरण न केवल क्रिकेट के मैदान पर सियासत का बोलबाला दर्शाता है, बल्कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों को भी उजागर करता है। PCB की बायकॉट धमकी के बाद भी मैच खेलने का फैसला लेना उनके आर्थिक नुकसान से बचने का प्रयास लगता है, जबकि उद्धव ठाकरे गुट की प्रतिक्रिया ने राजनीतिक बहस को और हवा दे दी है।