Report By : ICN Network
हरियाणा के पलवल जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. जय भगवान को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। आरोप है कि उन्होंने एक निजी अस्पताल का पंजीकरण रद्द करने की धमकी देकर अस्पताल संचालकों से 15 लाख रुपये की मांग की थी। CMO पहले ही दो किस्तों में सात लाख रुपये ले चुका था। गुरुवार रात को वह एक लाख रुपये लेते वक्त ACB की टीम के जाल में फंस गया।
दिलचस्प बात यह रही कि गिरफ्तारी उसी दिन हुई जब डॉ. जय भगवान ने स्वास्थ्य मंत्री के जन्मदिन पर केक काटा था। देर रात करीब 11 बजे ACB, गुरुग्राम की टीम ने पलवल स्थित उनके सरकारी आवास पर कार्रवाई की।
जांच के दौरान ACB टीम ने CMO के आवास की तलाशी ली, जिसमें अलमारी से तीन लाख रुपये नकद बरामद किए गए। अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर डॉ. जय भगवान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और बीएनएस की धारा 308(2) के तहत केस दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता मनोहर ने बताया कि वह अपने दो साझेदारों, धीरज और सुभाष के साथ मिलकर पलवल में सनराइज ट्रॉमा अस्पताल चला रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के कामकाज में खामियां बताकर CMO बार-बार रुकावट डाल रहे थे और अस्पताल बंद करने की धमकी दे रहे थे। मनोहर के मुताबिक, CMO ने उनसे 15 लाख रुपये की मांग की थी और कहा था कि आगे भी यह रकम देनी होगी।
मनोहर ने अपनी शिकायत में बताया, “करीब 20 दिन पहले मैंने CMO को 6 लाख रुपये उनके घर जाकर दिए और 2 जुलाई को एक लाख रुपये नकद और दिए। इसके बावजूद वे बाकी 8 लाख रुपये की मांग कर रहे थे।”
डॉ. जय भगवान का नाम इससे पहले भी विवादों में रहा है। जींद में उनके खिलाफ आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती में अनियमितता का आरोप लग चुका है, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया था। वहीं सोनीपत में उनके खिलाफ एक महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ का मामला भी दर्ज है।