दिल्ली में निजी स्कूलों पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। फीस का भुगतान न करने पर मॉडल टाउन स्थित एक निजी स्कूल ने कई छात्रों के नाम काट दिए।
दिल्ली में निजी स्कूलों पर फीस नियंत्रण को लेकर एक ओर दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक 2025 के जरिए फीस निर्धारण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का दावा किया जा रहा है। दूसरी ओर निजी स्कूल फीस का भुगतान नहीं करने पर छात्रों के नाम काट रहे हैं। ऐसा एक आरोप मॉडल टाउन स्थित निजी स्कूल पर लगा है।
पैरेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व शिक्षा निदेशालय बार की निदेशक से की शिकायत
इसको लेकर श्रीजन पैरेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, शिक्षा मंत्री आशीष सूद, शिक्षा निदेशालय की निदेशक को पत्र लिखकर शिकायत दी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष दक्ष आनंद और कार्यकारी सदस्य नितिन गुप्ता के मुताबिक नए शैक्षणिक सत्र में लाग फीस स्ट्रक्चर के अनुसार फीस का भुगतान न करने पर स्कूलों ने कई बच्चों के नाम काटने को लेकर आदेश थमा दिया है। यह शिक्षा और बाल अधिकारों का उल्लंघन है। साथ ही दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम की अवहेलना भी है।
उन्होंने कहा, छात्रों का गैर-कानूनी तौर पर नाम काटने का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा। खासतौर पर ऐसे छात्र जो कक्षा 10वीं और 12वीं में है। यह स्पष्ट तौर पर फीस संबंधी प्रताड़ना है। हमारी मांग है कि बिना किसी शर्त के बच्चों के नाम स्कूल में दोबारा से सुनिश्चित किए जाएं। इस पूरे मामले की जांच कराई जाएं। अनिवार्य फीस वसूली पर रोक के लिए दिशा-निर्देश जारी हों