संबंधित स्टेशनों पर पार्किंग ठेकेदारों की मनमानी और तय दरों से अधिक वसूली की शिकायतें लगातार मिलती रही हैं, जिनमें कई शिकायतें सोशल मीडिया तक पहुंचीं। समीक्षा में सामने आया कि कई जगह लंबे समय से एक ही ठेकेदार काम कर रहा था। अब ठेके केवल उन्हीं एजेंसियों को मिलेंगे जो पूरी तरह कैशलेस और डिजिटल सिस्टम लागू करेंगी। हर पार्किंग पर रेट लिस्ट हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में लगाना अनिवार्य होगा। नए ठेकेदारों का चयन ओपन टेंडर से
छह स्टेशनों के लिए नए ठेके पारदर्शी ओपन टेंडर प्रक्रिया से दिए जाएंगे। 15 दिसंबर की ई-नीलामी के बाद चुने गए ठेकेदार को तुरंत डिजिटल सिस्टम स्थापित करना होगा। साथ ही हर पार्किंग पर सीसीटीवी कैमरे, लाइट और सुरक्षा गार्ड अनिवार्य होंगे। ठेकेदार को शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी और लापरवाही पाए जाने पर अनुबंध रद्द किया जा सकेगा। यात्रियों को राहत और राजस्व में सुधार
नई डिजिटल व्यवस्था से यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क वसूली और रसीद न मिलने जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। रेलवे का उद्देश्य पार्किंग को आधुनिक मानकों पर लाना है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और राजस्व में भी सुधार होगा। रेलवे भविष्य में अन्य स्टेशनों पर भी इसी तरह की डिजिटल पार्किंग प्रणाली लागू कर सकता है।

