Report By : Pankaj Kumar Srivastava Kannauj (UP)
भारत देश की राजनीति व्यवस्था में दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। ऐसे में सूबे की ऐसी कई सीटों पर दिग्गजों की नजर रहती है जिसे जीतकर राजनीतिक पार्टी अपनी जमीन मजबूत करती है उत्तर प्रदेश में इत्र नगरी के नाम से जानी जाने वाली कन्नौज लोकसभा सीट का भी राजनीतिक समीकरण बड़ा ही मायने रखता है। इस सीट से कांग्रेस समाजवादी पार्टी और बीजेपी के कई बड़े चेहरे सांसद के रूप में चयनित हुए और उन्होंने संसद में मेजबानी की। इस बार 2024 के चुनाव को लेकर सपा ने कांग्रेस से गठबंधन कर चुनाव लड़ने का आगाज़ कर दिया है ऐसे में कन्नौज लोकसभा सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है तो जानते है इसको लेकर कन्नौज की जनता क्या कहती है।
राजा हर्षवर्धन और इत्र नगरी में समाजवादीयों का झंडा हमेशा बुलंद होता रहा है। इस संसदीय क्षेत्र में 1967 तक रहे कांग्रेस के दबदबे राममनोहर लोहिया ने तोड़ा और लगातार आगे बढ़े। वहीं वर्ष 1998 से 2014 तक हुए आम चुनाव और उप चुनाव में लगातार सपा जीती। अखिलेश यादव ने हैट्रिक मारी और उनके मुख्यमंत्री बनने पर जब डिंपल को कन्नौज से लड़ाया गया तो वह भी जीतीं। इसके बाद 2019 के चुनावों में भाजपा ने इस सीट पर कब्जा जमाया। सुब्रत पाठक यहां से सांसद बने। विधानसभा, विकास और स्थानीय मुद्दे कन्नौज की तीन विधानसभा सीट कन्नौज सदर, छिबरामऊ और तिर्वा के अलावा एक सीट कानपुर देहात की रसूलाबाद, एक सीट औरैया की विधूना को भी जोड़ता है।
1998 से लेकर 2019 तक कन्नौज पर सपा का रहा कब्जा
कन्नौज संसदीय क्षेत्र पर 1998 से लेकर 2019 तक लगातार समाजवादियों का कब्जा रहा। सपा संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश यादव और फिर उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद रहीं। हालांकि 2019 में मोदी और योगी की लहर चली तो भाजपा के प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने डिंपल को पराजित कर दिया।उसके बाद डिंपल यादव मैनपुरी में चुनाव लड़ीं। अपने मुख्यमंत्री रहते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज को अपनी कर्मस्थली के रूप में विकसित किया। 2019 में डिंपल यादव के चुनाव हारने के बाद भी वह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट को अपने लिए सबसे सुरक्षित मानते हैं।लेकिन अब देखना यह है कि इस बार जनता किसको चुनती है। सपा और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर क्या है जनता का कहना और अखिलेश के चुनाव लड़ने को लेकर क्या है हलचल इन सब बातों को लेकर जानते है जनता की राय।