Report By : Ankit Srivastav, ICN Network
देश-विदेश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन के नाम पर स्टूडेंट्स से ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने गिरोह के 6 लोगों को पकड़ा। इनके पास से 7 डायरी मिली। इसी से पूरा नेटवर्क चल रहा था। झारखंड, बिहार, यूपी व राज्यों के एजेंट और क्लाइंट की जानकारी मिली। इसको ट्रेस कराया जा रहा है। इसमें क्लाइंट के बहीखातों की डिटेल भी है। इसकी जांच की जा रही है। इन 6 लोगों में 2 युवती हैं। ये सभी एजुकेटड और ट्रेंड है, जिनका काम एजेंट के जरिए लाए गए स्टूडेंट्स का माइंड वॉश कर ट्रैक में फसाना था। आरोपियों की निशानदेही पर पांच करोड़ 6 लाख 50 हजार रुपए के 61 चेक, ठगी में इस्तेमाल कार, 3 लाख 90 हजार रुपए नकद, दो लैपटॉप, 16 मोबाइल अन्य सामान बरामद हुआ है। ये लोग अब तक 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स से ठगी कर चुके है। गिरोह के सरगना दोनों युवती व अन्य लोगों को 40 से 50 हजार रुपए की देते थे सैलरी। सरगना ने ठगी के लिए एक ऑफिस पुणे में भी खोला है। पकड़े गए गैंग ने दिल्ली-एनसीआर के साथ ही अन्य राज्यों में रहने वाले छात्रों के साथ ठगी की गई है। गिरोह के सदस्य नेट वर्किंग साइट्स नेक्स्ट एजुकेशन, एडुप्रो, करियर कॉर्नर, गुरुकुल एजुकेशन, एजुकेशन कंसल्टेंसी, कैरियर प्लान, एडमिशन साथी जैसी साइट से स्टूडेंट्स का डाटा एकत्र करते थे। इसमें मोबाइल के माध्यम से शिकार बनाते थे । सोशल मीडिया प्रचार करते थे। इसमें अपना नंबर दिया करते थे। एक बार जाल में फंसने के बाद ये लोग छात्रों को एमबीबीएस, बीएएमएस, बीडीएस, बीएचएमएस, एमडीएस, फार्मेसी, बीई व बीटेक, एलएलबी, बीएएलएलबी, एमबीए, बीबीए, एमडीएमएस आदि में दाखिला दिलाने को कहते थे। इसके बाद फॉर्म भेजते थे। फिर प्रोसेसिंग फीस, डोनेशन के नाम पर ठगी करते थे। पुलिस ने नोएडा के सेक्टर-62 से बिहार के पटना निवासी राहुल कुमार और अनुपम कुमार, नागपुर के दयानंद पांडेय, आगरा के सचिन सिंह, गोरखपुर की विदुषी लोहिया और झारखंड के जमशेदपुर निवासी निकिता उपाध्याय को गिरफ्तार किया।सभी आरोपी वर्तमान में नोएडा के अलग-अलग जगहों पर किराए का कमरा लेकर रह रहे थे। राहुल कुमार और अनुपम कुमार गिरोह के सरगना हैं। गिरोह का एक अन्य सरगना सोनू अभी भी फरार हैं। एडीसीपी ने बताया कि हाल ही में सभी बोर्ड के 12वीं के परीक्षा के परिणाम आ चुके है। प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट आ रहे है। ऐसे में इस गिरोह ने अपनी एक्टिविटी ज्यादा तेज कर दी थी। इसके चलते एक लिंक मिला और इनको ट्रैक किया गया।