लखनऊ के चिनहट इलाके में मटियारी के पास इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर से चोरी हुए सोने की बरामदगी में हुई गड़बड़ी ने पुलिस को फिर से सवालों के घेरे में ला दिया है। आरोप है कि डीसीपी पूर्वी की स्वाट टीम ने बरामदगी के दौरान सोने में हेराफेरी की और चोरी के कुछ हिस्से को गायब कर दिया
इस मामले के बाद उच्चाधिकारियों से शिकायत मिलने पर डीसीपी शंशाक सिंह ने स्वाट और सर्विलांस टीम को भंग कर दिया और सभी की जांच एडीसीपी पंकज कुमार सिंह को सौंप दी है। आरोपियों को नोटिस जारी कर बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है अब तक की जांच में यह सामने आया है कि स्वाट टीम के सदस्य गाजीपुर में दबिश देने गए थे। वहां से माल बरामद करने के बाद, मनोज को छोड़कर बाकी सभी पुलिसकर्मी छुट्टी पर चले गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये पुलिसकर्मी चार से पांच दिन तक गायब रहे। उच्चाधिकारियों ने इस दौरान कार्रवाई पूरी कर ली थी। बाद में बैंक मैनेजर ने चोरी हुए माल की जानकारी दी, जिसमें 12 किलो सोने की चोरी का खुलासा हुआ, जो पुलिस ने भी सही पाया। जांच के दौरान यह भी पता चला कि सोने का एक हिस्सा गायब था इसके बाद, एक सेवानिवृत्त अधिकारी की शिकायत पर स्वाट टीम को हटाकर मामले की जांच के आदेश दिए गए। यह पहली बार नहीं है जब पूर्वी क्राइम टीम सवालों के घेरे में आई हो। इससे पहले भी कई मामलों में डीसीपी पूर्वी के पास शिकायतें पहुंच चुकी थीं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब डीसीपी शंशाक सिंह पुराने मामलों का हवाला देते हुए स्वाट टीम को भंग करने की बात कह रहे हैं यह टीम पिछले दो वर्षों से तैनात थी और कई महीनों से यह खेल चल रहा था, जिसकी जानकारी अधिकारियों को थी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब सवाल उठ रहे हैं कि बिना किसी सहमति के इतना बड़ा खेल कैसे हो सकता है। जांच के दौरान यह भी पूछा जा रहा है कि जब पुलिसकर्मी दबिश देकर लौटे और गायब हुए, तो डीसीपी ने क्यों पूछताछ नहीं की। इतना ही नहीं, इन पुलिसकर्मियों को छुट्टी देने का आदेश किसने दिया और अब क्यों स्वाट टीम को हटाया गया। इन सवालों के जवाब अभी तक सामने नहीं आए हैं, लेकिन जांच जारी है