नोएडा के सेक्टर-82 स्थित सिटी बस टर्मिनल की खाली पड़ी इमारत अब निजी अस्पताल के रूप में संचालित होने की दिशा में बढ़ रही है। नोएडा प्राधिकरण ने इस इमारत को किराये पर देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है, और चार कंपनियों ने अस्पताल संचालन के लिए अपनी रुचि दिखाई है। इन कंपनियों ने अपने प्रस्ताव प्राधिकरण को सौंपे हैं, जिनका परीक्षण अब शुरू हो गया है सिटी बस टर्मिनल की इमारत में अब निजी अस्पताल का संचालन होने की संभावना लगभग पक्की हो गई है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि टर्मिनल के बायलाज ट्रांसपोर्ट उपयोग के लिए निर्धारित थे, लेकिन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने और अप्रूव होने के बाद इसमें बदलाव किए जाएंगे। बायलाज परिवर्तन की प्रक्रिया बोर्ड से अनुमोदित होगी। चयनित कंपनी को इमारत के मौजूदा स्ट्रक्चर में कोई बड़ा बदलाव करने की अनुमति नहीं होगी; उसे उसी संरचना के तहत अपने प्लान को लागू करना होगा। सिटी बस टर्मिनल की आठ मंजिला इमारत का फ्लोर वाइज विवरण ईओआइ ब्रोशर में साझा किया गया है। वर्तमान में इस इमारत में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और साइबर क्राइम पुलिस का दफ्तर स्थित है, लेकिन अब इसे किराए पर दिया जाएगा। यह टर्मिनल 30,643 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से 13,532 वर्ग मीटर क्षेत्र का निर्माण हो चुका है। इस इमारत का निर्माण 157 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। सिटी बस टर्मिनल का निर्माण जनवरी 2015 में शुरू हुआ था, और इसकी पहली डेडलाइन जुलाई 2016 थी, लेकिन जमीन विवाद और कोर्ट के मामलों के कारण परियोजना में देरी हुई। आखिरकार, इसका काम सितंबर 2022 में पूरा हुआ। शुरू में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम ने इस इमारत को टेकओवर करने से इंकार कर दिया था और केवल दादरी और बुलंदशहर के लिए चार बसें संचालित की थीं। तीन साल बाद भी बसों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई, और अब भी केवल चार बसें टर्मिनल से चल रही हैं
नोएडा के सिटी बस टर्मिनल की जगह पर निजी अस्पताल चलेगा, 4 कंपनियों ने दिखाया रुचि

नोएडा के सेक्टर-82 स्थित सिटी बस टर्मिनल की खाली पड़ी इमारत अब निजी अस्पताल के रूप में संचालित होने की दिशा में बढ़ रही है। नोएडा प्राधिकरण ने इस इमारत को किराये पर देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है, और चार कंपनियों ने अस्पताल संचालन के लिए अपनी रुचि दिखाई है। इन कंपनियों ने अपने प्रस्ताव प्राधिकरण को सौंपे हैं, जिनका परीक्षण अब शुरू हो गया है सिटी बस टर्मिनल की इमारत में अब निजी अस्पताल का संचालन होने की संभावना लगभग पक्की हो गई है। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि टर्मिनल के बायलाज ट्रांसपोर्ट उपयोग के लिए निर्धारित थे, लेकिन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने और अप्रूव होने के बाद इसमें बदलाव किए जाएंगे। बायलाज परिवर्तन की प्रक्रिया बोर्ड से अनुमोदित होगी। चयनित कंपनी को इमारत के मौजूदा स्ट्रक्चर में कोई बड़ा बदलाव करने की अनुमति नहीं होगी; उसे उसी संरचना के तहत अपने प्लान को लागू करना होगा। सिटी बस टर्मिनल की आठ मंजिला इमारत का फ्लोर वाइज विवरण ईओआइ ब्रोशर में साझा किया गया है। वर्तमान में इस इमारत में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और साइबर क्राइम पुलिस का दफ्तर स्थित है, लेकिन अब इसे किराए पर दिया जाएगा। यह टर्मिनल 30,643 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से 13,532 वर्ग मीटर क्षेत्र का निर्माण हो चुका है। इस इमारत का निर्माण 157 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। सिटी बस टर्मिनल का निर्माण जनवरी 2015 में शुरू हुआ था, और इसकी पहली डेडलाइन जुलाई 2016 थी, लेकिन जमीन विवाद और कोर्ट के मामलों के कारण परियोजना में देरी हुई। आखिरकार, इसका काम सितंबर 2022 में पूरा हुआ। शुरू में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम ने इस इमारत को टेकओवर करने से इंकार कर दिया था और केवल दादरी और बुलंदशहर के लिए चार बसें संचालित की थीं। तीन साल बाद भी बसों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई, और अब भी केवल चार बसें टर्मिनल से चल रही हैं