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UP-अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अहम भूमिका निभाएंगे बांदा के प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी

यूपी के बाँदा में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को लेकर जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। जहां देश के हजारों साधु संतों के साथ-साथ प्रधानमंत्री और अलग-अलग क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियां राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी 2024 को शामिल होंगे। वहीं काशी के भी धर्माचार्यों को इस भब्य कार्यक्रम मे सम्मिलित होने के लिए ट्रस्ट के सचिव चंम्पत राय ने काशी विद्वत परिषद के महामंत्री व प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी को भी निमंत्रण पत्रिका भेज कर अयोध्या आने का अनुरोध किया गया है जो की उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के रहने वाले हैं। प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी अयोध्या के श्री राम मंदिर के शिलान्यास/आधारशिला कार्यक्रम मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूजन करवाने में प्रमुख पंडितों मे से एक हैं।

आपको बता दें की बांदा के अछरौड गांव में जन्मे पिता शिवनाथ प्रसाद द्विवेदी माता रामप्यारी द्विवेदी के पुत्र प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी की प्राथमिक शिक्षा अछरौड में हुई थी। इसके बाद काशी अध्ययन हेतु 1992 मे आ गये। अपने संस्कृत वांड्मय का अध्ययन करके भारतीय ज्ञान परम्परा एवं सनातन संस्कृति में अनेक परचम स्थापित कर बांदा का मान बढ़ाया है । संस्कृत साहित्य शास्त्र संरक्षण के क्षेत्र में वैदिक सनातन परंपरा के संवर्धन में अत्यंत प्राचीन संस्था श्री काशी विद्वत्परिषद् के महामंत्री का दायित्व इनके पास है उत्तर प्रदेश नागकूप शास्त्रार्थसमिति के महामंत्री का दायित्व भी है वर्तमान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्याधर्मविज्ञान संकाय व्याकरण विभाग के अध्यक्ष भी हैं। चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ एवं दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय सहित अनेक विश्वविद्यालयों में एकेडमिक काउंसिल सदस्य हैं शिक्षा साहित्य और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए कर्नाटक के राज्यपाल गुजरात के राज्यपाल जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के द्वारा सम्मानित किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया। काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर के विकास में मंदिरों मूर्तियो को शास्त्रों अनुसार संरक्षित करने हेतु सरकार को मार्गदर्शन की भूमिका में रहे रामजन्म भूमि पूजन का मार्गदर्शन आपने किया अभी रामजन्म भूमि प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में काशी विद्वत्परिषद् साक्षी/मार्गदर्शन की भूमिका में हैं आप समय समय पर सनातन संस्कृति के लिए शास्त्रार्थ संगोष्ठी के माध्यम से सनातन विधोरियो तथा कम्युनिस्टो को चुनौती दी है। भगवान राम और भगवान शंकर दोनों एक दूसरे के आराध्य
संस्कृत के उदभट विद्वान प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी ने बातचीत में बताया कि शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान राम ने भगवान शंकर को अपना आराध्य माना था तो वही भगवान शंकर ने भी प्रभु श्री राम को अपना आराध्या ही स्वीकार किया था । काशी भगवान शंकर की नगरी है और अयोध्या प्रभु श्री राम की और यह प्रसंग भी काशी और अयोध्या में एक अटूट रिश्ता स्थापित करता है. इसी परंपरा को आगे बढाते हुए काशी विद्वत परिषद 9 जनवरी को भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में राम नाम अंकित 21 बेलपत्र और माता अन्नपूर्णा को कुमकुम व चुनरी चढ़ाकर काशी विश्वनाथ जी का प्रतिनिधित्व के तौर पर अयोध्या पहुंचेगा. अयोध्या पहुंचकर 21 बेलपत्र भगवान राम को और कुमकुम व चुनरी माता जानकी को समर्पित करेगा।

By ICN Network

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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