Pune DJ Truck AccidentPune DJ Truck Accident: पुणे जिले के जुन्नर कस्बे में 10 सितंबर 2025 को एक दिल दहलाने वाला हादसा हुआ, जिसने जन्मदिन के जश्न को मातम में बदल दिया। स्थानीय नेता और पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष देवराम लांडे के जन्मदिन के भव्य जुलूस में डीजे साउंड सिस्टम लदा एक ट्रक भीड़ में मौत का तांडव बनकर घुस गया। इस भयावह घटना में 21 वर्षीय आदित्य काले की जान चली गई, जबकि छह अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए देवराम लांडे, उनके बेटे, ट्रक मालिक और ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है।
हादसे का खौफनाक मंजर: जश्न से मातम तक
10 सितंबर की दोपहर, जुन्नर कस्बा देवराम लांडे के जन्मदिन के जुलूस की धूम में डूबा था। झांझ-मंजीरों की गूंज और डीजे की थिरकन के बीच आदित्य काले सहित सात युवा उत्साह से झांझ बजा रहे थे। लेकिन यह खुशी का माहौल पलक झपकते ही मातम में बदल गया। पुलिस के मुताबिक, डीजे लदा ट्रक का ड्राइवर, लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से वाहन चलाते हुए, सामने खड़ी भीड़ में जा घुसा। इस टक्कर ने आदित्य काले की जिंदगी छीन ली, और छह अन्य लोग गंभीर चोटों के साथ जिंदगी और मौत से जूझने को मजबूर हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन आदित्य की सांसें हमेशा के लिए थम गईं।
पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई: चारों आरोपी हथकड़ी में
हादसे के बाद देवराम लांडे और उनके बेटे ने मौके से फरार होने की कोशिश की, जिससे स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क उठा। आक्रोशित भीड़ ने जुन्नर पुलिस स्टेशन का घेराव कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने देर न करते हुए उसी रात देवराम लांडे, उनके बेटे, डीजे ट्रक के मालिक और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ लापरवाह ड्राइविंग, गैर-इरादतन हत्या और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए घटना के हर पहलू को खंगालना शुरू कर दिया है, ताकि इस त्रासदी के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
स्थानीय आक्रोश: सुरक्षा और जिम्मेदारी पर सवाल
इस दुखद घटना ने जुन्नर कस्बे में शोक की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय लोग इसे प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक आयोजनों में सुरक्षा के अभाव का नतीजा बता रहे हैं। जुलूसों में भारी वाहनों और तेज आवाज वाले साउंड सिस्टम के इस्तेमाल पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते सावधानी बरती जाती, तो एक मासूम जिंदगी को बचाया जा सकता था। इस हादसे ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि पूरे कस्बे को गहरे सदमे में डुबो दिया।
पुलिस का वादा: भविष्य में सख्ती, दोषियों को सजा
पुलिस ने भीड़ को शांत करते हुए आश्वासन दिया है कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। घायलों के इलाज पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, और जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। पुलिस अब जुलूसों और सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की दिशा में काम कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि जश्न के नाम पर लापरवाही की कीमत जिंदगियों से चुकानी पड़ सकती है। जुन्नर अब इस दर्द से उबरने की कोशिश में है, लेकिन आदित्य काले की यादें और सुरक्षा की मांग इस कस्बे में लंबे समय तक गूंजती रहेंगी।