Report By : ICN Network (MP Politics)
अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को पूरा हो गया है। लेकिन अभी-भी मंदिर को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर निशाना साधता नजर आ रहा है। इस क्रम में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने अधिकारिक ट्वीटर अकाउंट यानी X पर पोस्ट कर पूछा है कि ‘क्या अयोध्या जी में रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक आयोजन था या राजनीतिक? क्या हमारे सनातन धर्म शास्त्र के अनुसार था या नहीं था?’
दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट में बीजेपी, पीएम नरेंद्र मोदी और विश्व हिंदू परिषद को घेरते हुए लिखा, “क्या अयोध्या जी में रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक आयोजन था या राजनीतिक? क्या हमारे सनातन धर्म शास्त्र के अनुसार था या नहीं था? मैं मेरे हिन्दू धर्म प्रेमियों से पूछना चाहता हूं क्या उन्होंने कोई भी निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होते हुए देखी है या सुनी है? क्या यजमान बिना पत्नी के बैठता है? क्या विहिप, बीजेपी, पीएम नरेंद्र मोदी जी मेरे प्रश्नों का जवाब देंगे? मुझे मालूम है यह लोग मेरे प्रश्नों का उत्तर नहीं देंगे पर अपनी ट्रोल सेना से गाली दिलवायेंगे क्योंकि झूठे वादे करना झूठ बोलना ही इनका धर्म है. जय सिया राम।”
बताते चले कि इससे पहले दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर की जगह को लेकर सावल उठाते हुए पूछा था कि ‘राम मंदिर और बाबरी मस्जिद की जगह को लेकर सालों तक विवाद चलता रहा है। यह 150 साल पुराना विवाद है। विवाद का मूल यह था कि मंदिर वहीं बनाया जाना चाहिए जहां भगवान राम का जन्म हुआ था और जहां मस्जिद थी। जब उच्चतम न्यायालय ने फैसला दे दिया है कि विवादित जमीन पर मंदिर बनाया जा सकता है तो वहां क्यों नहीं बनाया गया।’