अयोध्या में राम मंदिर पर ध्वजारोहण का अद्भुत दृश्य साकार हुआ। निर्धारित मुहूर्त पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बटन दबाया, और धीरे-धीरे केसरिया ध्वज ऊपर उठते हुए मंदिर के मुख्य शिखर पर पहुंच गया। झंडा ऊपर चढ़ता देख पीएम मोदी कुछ पल तक उसे निहारते रहे, और उनकी आँखों में भावनाएँ स्पष्ट दिखाई दीं। सामने बैठे साधु-संत भी इस आध्यात्मिक क्षण में भाव-विभोर होकर अपने आँसू पोंछते नजर आए।
करीब आठ हजार लोगों को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था। ध्वजारोहण से पहले वैदिक मंत्रों के बीच विस्तृत पूजन-अर्चन किया गया, यज्ञ की आहुति और नगाड़ों की गूँज से वातावरण पूरी तरह भव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
जैसे ही ध्वज ने हवा में लहराना शुरू किया, पूरा परिसर “जय श्री राम” के जयघोष से गूँज उठा। क्षण भर में मंदिर के प्रांगण से सरयू किनारे तक उत्सव का रंग फैल गया। दीप, पुष्पों और रंगोलियों से सजा अयोध्या इस दिन एक जीवंत उत्सवस्थल में बदल गई।
चार से पाँच मिनट के इस संक्षिप्त अनुष्ठान के दौरान प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर धर्मध्वज का आरोहण पूर्ण किया। समारोह में लगभग सात हजार अतिथियों ने उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, धर्मगुरु, उद्योग जगत की हस्तियाँ और दलित, वंचित, किन्नर तथा अघोरी समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।
इस ध्वजारोहण ने न केवल मंदिर परिसर को आध्यात्मिक उत्सव से भर दिया, बल्कि देश को सनातन परंपरा की दृढ़ता, सांस्कृतिक आत्मसम्मान और एकता का संदेश भी दिया।