वर्ष 2008 बैच की आईपीएस अधिकारी अलंकृता सिंह का इस्तीफा हाल ही में मंजूर कर लिया गया है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया था जब वर्ष 2021 में वह बिना किसी आधिकारिक अनुमति और अवकाश के लंदन चली गई थीं। इस गैरकानूनी अनुपस्थिति के चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था अलंकृता सिंह का करियर पुलिस सेवा में काफी प्रभावशाली रहा है, लेकिन उनकी इस कार्रवाई ने नियमों और अनुशासन का उल्लंघन किया, जिससे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। बताया गया है कि उनके लंदन जाने की घटना के बाद से ही वह चर्चा में थीं, और सरकारी सेवा के नियमों के तहत उन्हें कई बार स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया था। हालांकि, वह अपने कृत्य के लिए कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकीं उनके इस व्यवहार के कारण प्रशासनिक स्तर पर सवाल उठने लगे, जिससे उनके भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। इस्तीफे को मंजूरी मिलने के बाद अब उनके पुलिस सेवा से अलग होने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है यह घटना पुलिस सेवा में अनुशासन और नियमों के महत्व को रेखांकित करती है। किसी भी सरकारी अधिकारी का अपने पद के दायित्वों से इस प्रकार दूरी बनाना न केवल प्रशासनिक तंत्र को प्रभावित करता है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव आम जनता की सुरक्षा और विश्वास पर भी पड़ता है अलंकृता सिंह का मामला यह दर्शाता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को न केवल अपने कार्यों में अनुशासन बनाए रखना चाहिए, बल्कि अपने व्यक्तिगत फैसलों में भी सेवा नियमों का पालन करना चाहिए
2008 बैच की आईपीएस अधिकारी अलंकृता सिंह का इस्तीफा मंजूर, 2021 में बिना अनुमति लंदन गईं
वर्ष 2008 बैच की आईपीएस अधिकारी अलंकृता सिंह का इस्तीफा हाल ही में मंजूर कर लिया गया है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया था जब वर्ष 2021 में वह बिना किसी आधिकारिक अनुमति और अवकाश के लंदन चली गई थीं। इस गैरकानूनी अनुपस्थिति के चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया था अलंकृता सिंह का करियर पुलिस सेवा में काफी प्रभावशाली रहा है, लेकिन उनकी इस कार्रवाई ने नियमों और अनुशासन का उल्लंघन किया, जिससे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। बताया गया है कि उनके लंदन जाने की घटना के बाद से ही वह चर्चा में थीं, और सरकारी सेवा के नियमों के तहत उन्हें कई बार स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया था। हालांकि, वह अपने कृत्य के लिए कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकीं उनके इस व्यवहार के कारण प्रशासनिक स्तर पर सवाल उठने लगे, जिससे उनके भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। इस्तीफे को मंजूरी मिलने के बाद अब उनके पुलिस सेवा से अलग होने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है यह घटना पुलिस सेवा में अनुशासन और नियमों के महत्व को रेखांकित करती है। किसी भी सरकारी अधिकारी का अपने पद के दायित्वों से इस प्रकार दूरी बनाना न केवल प्रशासनिक तंत्र को प्रभावित करता है, बल्कि इसका सीधा प्रभाव आम जनता की सुरक्षा और विश्वास पर भी पड़ता है अलंकृता सिंह का मामला यह दर्शाता है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को न केवल अपने कार्यों में अनुशासन बनाए रखना चाहिए, बल्कि अपने व्यक्तिगत फैसलों में भी सेवा नियमों का पालन करना चाहिए