Report By : Akhilesh Mishra Kanpur (UP)
आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो ड्यूटी करने के साथ ही समाज के प्रति भी अपनी ड्यूटी बखूबी निभाते हैं। ऐसे ही लोगों में एक नाम है पुलिस सब इंस्पेक्टर अपर्णा बंसल का है मूलत मेरठ की रहने वाली और संभल के बहजोई थाने में तैनात अपर्णा घर-परिवार और पुलिस की ड्यूटी पूरी ईमानदारी करने के साथ ही सुरक्षित यातायात के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नियमित सोशल मीडिया में वीडियो अपलोड करती हैं। इसके माध्यम से वो लोगों को यातायात की बारीकियों और नियमों को विस्तार से लोगों से साझा करती हैे। उदाहरण के तौर पर जैसे सड़क पर इंगित लाइनों का क्या मतलब है, हर सिग्नल को कैसे और कब फालो करना है ।ताकि सुरक्षित यातायात का पालन सुचारू रूप से हो सके।
विशेष बातचीत में उन्होंने महिलाओं के उन अधिकारों के बारे में भी जानकारी दी, जिनका संविधान में उल्लेख किया गया है। जैसे अनुच्छेद 14 के अंतर्गत विधि के समक्ष समानता अथवा विधियों के समान संरक्षण का अधिकार दिया गया है। सामान्यता इसका यह तात्पर्य है कि स्त्री और पुरुषों में किसी प्रकार का लिंग भेद नहीं किया जाएगा तथा यह अधिकार स्त्री और पुरुष दोनों को समान रूप से प्राप्त होता है। अनुच्छेद 15 (3) के अंतर्गत इस सरकार को स्त्रियों के लिए विशेष उपबंध बनाने का अधिकार प्राप्त है और न्यायालय अनुच्छेद 15 (3 ) के अधीन राज्य द्वारा लिए गए नीतिगत निर्णय में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है अनुच्छेद 15 (3) के ही प्रावधानों का सहारा लेकर संसद ने 1990 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम पारित किया था। अनुच्छेद 16 यह उत्पन्न करता है कि राज्य के अधीन किसी भी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अफसर की क्षमता होगी। अनुच्छेद 19 में महिलाओं को स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है ताकि वह स्वतंत्र रूप से भारत के क्षेत्र में आवागमन निवास एवं व्यवसाय कर सकती है स्त्रीलिंग होने के कारण किसी भी कार्य से उनको वंचित करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना गया है तथा ऐसी स्थिति में कानून की सहायता हो सकेगी।
कुल मिलाकर अपर्णा बंसल ने समाज में एक मिसाल पेश की है कि अपने जीवन के साथ ही सामाजिक दायित्वों को भी बड़ी आसानी से निभाया जा सकता है। इसीलिए संभल में पुलिस विभाग के साथ ही समाज में भी उनका नाम हमेशा चर्चा में बना रहता है।