बता दें कि महाराष्ट्र के कई जिलों में तहसीलदारों और जिलाधिकारियों के दफ्तर पर वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। बजरंग दल के संभाजी नगर के नेता नितिन महाजन ने कहा कि औरंगजेब ने लाखों की हत्याएं कीं। हजारों मंदिर तोड़े। काशी मथुरा के मंदिर और लाखों गायों की हत्या की क्रूर शासक की महिमा मंडित करने का काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कब्र नहीं हटाई गई तो वे बाबरी की तर्ज पर उसे हटा देंगे। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने हाल ही में औरंगजेब को एक कुशल शासक बताया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि मुगल शासक ने न केवल मंदिर, बल्कि मस्जिद भी तुड़वाए थे। उनके इस बयान पर तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई, जिसके बाद बढ़ते विवाद को देखते हुए आजमी ने अपना बयान वापस ले लिया। इस बीच, औरंगजेब की कब्र को हटाने के मुद्दे पर एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि ऐतिहासिक विषय है, जिस पर नेताओं को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपील की कि इस मामले में कोई भी निर्णय इतिहासकारों की राय लेकर ही लिया जाए।
संभाजीनगर में कारसेवा का ऐलान, औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर विवाद तेज

बता दें कि महाराष्ट्र के कई जिलों में तहसीलदारों और जिलाधिकारियों के दफ्तर पर वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। बजरंग दल के संभाजी नगर के नेता नितिन महाजन ने कहा कि औरंगजेब ने लाखों की हत्याएं कीं। हजारों मंदिर तोड़े। काशी मथुरा के मंदिर और लाखों गायों की हत्या की क्रूर शासक की महिमा मंडित करने का काम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कब्र नहीं हटाई गई तो वे बाबरी की तर्ज पर उसे हटा देंगे। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने हाल ही में औरंगजेब को एक कुशल शासक बताया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि मुगल शासक ने न केवल मंदिर, बल्कि मस्जिद भी तुड़वाए थे। उनके इस बयान पर तीखी राजनीतिक बहस छिड़ गई, जिसके बाद बढ़ते विवाद को देखते हुए आजमी ने अपना बयान वापस ले लिया। इस बीच, औरंगजेब की कब्र को हटाने के मुद्दे पर एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि ऐतिहासिक विषय है, जिस पर नेताओं को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से अपील की कि इस मामले में कोई भी निर्णय इतिहासकारों की राय लेकर ही लिया जाए।