दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने जैन को 18 महीने बाद 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी मई 2022 में हुई थी, जब वह दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जमानत का फैसला सुनते ही कोर्ट में मौजूद उनकी पत्नी भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।
जमानत मिलने के बाद आप में राहत की लहर
जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच राहत की लहर दौड़ गई है। हाल के दिनों में पार्टी के कई अन्य नेताओं को भी कानूनी राहत मिली है, जिसमें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, और विजय नायर शामिल हैं। कुछ दिन पहले ही आप विधायक अमानतुल्लाह खान को वक्फ बोर्ड घोटाले के मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था।
सत्येंद्र जैन पर ईडी का आरोप
सत्येंद्र जैन पर ईडी का आरोप था कि उन्होंने अपने साथ जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की। इस मामले में उन्हें 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह लगातार हिरासत में थे। विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जैन को जमानत देने का फैसला किया। जैन के वकील ने तर्क दिया कि जैन को और हिरासत में रखने से कोई विशेष उद्देश्य पूरा नहीं होगा, जबकि ईडी का कहना था कि उनकी रिहाई से गवाहों पर दबाव डाला जा सकता है और मुकदमे को प्रभावित किया जा सकता है।
कोर्ट ने रखी कुछ सख्त शर्तें
कोर्ट ने कुछ सख्त शर्तों के साथ जैन को जमानत दी है। इनमें यह शामिल है कि वह इस मामले से जुड़े किसी भी गवाह या अन्य व्यक्ति से संपर्क नहीं कर सकेंगे और मुकदमे को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेंगे। इसके अलावा, उन्हें अदालत की अनुमति के बिना देश से बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गई है।
यह मामला 2017 में सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी से शुरू हुआ था, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की थी। अब, जमानत मिलने के बाद सत्येंद्र जैन जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं और आम आदमी पार्टी के नेता भी इस फैसले से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।