मुस्लिम महिला शबनम का कहना है कि भगवान राम की पूजा करने के लिए हिंदी होने की जरूरत नहीं है। केवल एक अच्छा इंसान होना मायने रखता है। खबर लिखे जाने तक शबनम 25-30 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है। जो अभी मध्य प्रदेश के सिंधवा पहुंच चुकी है। वहीं दूसरी तरफ शबनम के दोनों दोस्तो का कहना है कि उन्हें राम के प्रति उनकी भक्ति प्रेरित करती है। फिलहाल तो ये तीनों सोशल मीडिया पर काफी मशहूर हो चुके हैं, तीर्थयात्रा के रास्ते में जो भी इनसे मिल रहे हैं वे इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। भगवान राम सबसे दिल में है
मुस्लिम महिला शबनम का कहना ये भी है कि भगवान राम सबसे दिल में है, चाहे उनकी धर्म या जाति कोई भी हो। यहीं नहीं पुलिस ने भी शबमन की सुरक्षा के लिए भोजन और अन्य चीजों की व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फिलहाल तो सोशल मीडिया पर शबनम की कहानी खूब शेयर की जा रही है। उन्हें दोनों समुदाय के लोगों से भरपूर प्यार मिल रहा है।