‘महाराष्ट्र केसरी’ कुश्ती प्रतियोगिता में एक अप्रत्याशित विवाद खड़ा हो गया जब एक मुकाबले के बाद पहलवान शिवराज राक्शे ने रेफरी के फैसले का उग्र विरोध किया। मुकाबले में हार के बाद उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने रेफरी के सीने पर लात मार दी, जिससे पूरे आयोजन में हड़कंप मच गया। इस घटना के बाद कुश्ती प्रेमियों, आयोजकों और खेल अधिकारियों में हलचल मच गई और प्रतियोगिता विवादों में घिर गई। प्रतियोगिता के दौरान राक्शे और उनके प्रतिद्वंद्वी के बीच मुकाबला बेहद रोमांचक रहा, लेकिन अंत में रेफरी ने उनके विरोधी को विजेता घोषित कर दिया। इस फैसले से असंतुष्ट राक्शे ने अपनी नाराजगी जाहिर की और गुस्से में आकर रेफरी पर हमला कर दिया। यह घटना खेल भावना के विरुद्ध मानी जा रही है और इसे अनुशासनहीनता का गंभीर मामला बताया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही रेफरी ने परिणाम घोषित किया, राक्शे गुस्से में आ गए और उन्होंने पहले मौखिक रूप से विरोध किया। लेकिन जब उनकी आपत्ति को नजरअंदाज किया गया, तो उन्होंने अपना आपा खो दिया और गुस्से में आकर रेफरी को लात मार दी। इस घटना के बाद आयोजन स्थल पर अफरा-तफरी मच गई, और सुरक्षा कर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस घटना पर कुश्ती महासंघ और खेल अधिकारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोजकों ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताते हुए कहा कि किसी भी खिलाड़ी से इस तरह के आक्रामक व्यवहार की उम्मीद नहीं की जाती। खेल एक अनुशासित और गरिमामय माहौल की मांग करता है, जहां खिलाड़ियों को हार और जीत दोनों को समान रूप से स्वीकार करने की मानसिकता रखनी चाहिए। अब यह मामला कुश्ती संघ के पास पहुंच चुका है, और शिवराज राक्शे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। इस तरह की घटनाएं खेलों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और युवा पहलवानों के लिए गलत उदाहरण पेश करती हैं। खेल जगत से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में खिलाड़ी खेल भावना का पालन करें और अनुशासन बनाए रखें। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि कुश्ती संघ इस मामले में क्या सख्त कदम उठाएगा और क्या शिवराज राक्शे पर प्रतिबंध लगाया जाएगा
‘महाराष्ट्र केसरी’ कुश्ती में हार के बाद शिवराज राक्शे ने रेफरी को लात मारी

‘महाराष्ट्र केसरी’ कुश्ती प्रतियोगिता में एक अप्रत्याशित विवाद खड़ा हो गया जब एक मुकाबले के बाद पहलवान शिवराज राक्शे ने रेफरी के फैसले का उग्र विरोध किया। मुकाबले में हार के बाद उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने रेफरी के सीने पर लात मार दी, जिससे पूरे आयोजन में हड़कंप मच गया। इस घटना के बाद कुश्ती प्रेमियों, आयोजकों और खेल अधिकारियों में हलचल मच गई और प्रतियोगिता विवादों में घिर गई। प्रतियोगिता के दौरान राक्शे और उनके प्रतिद्वंद्वी के बीच मुकाबला बेहद रोमांचक रहा, लेकिन अंत में रेफरी ने उनके विरोधी को विजेता घोषित कर दिया। इस फैसले से असंतुष्ट राक्शे ने अपनी नाराजगी जाहिर की और गुस्से में आकर रेफरी पर हमला कर दिया। यह घटना खेल भावना के विरुद्ध मानी जा रही है और इसे अनुशासनहीनता का गंभीर मामला बताया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही रेफरी ने परिणाम घोषित किया, राक्शे गुस्से में आ गए और उन्होंने पहले मौखिक रूप से विरोध किया। लेकिन जब उनकी आपत्ति को नजरअंदाज किया गया, तो उन्होंने अपना आपा खो दिया और गुस्से में आकर रेफरी को लात मार दी। इस घटना के बाद आयोजन स्थल पर अफरा-तफरी मच गई, और सुरक्षा कर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस घटना पर कुश्ती महासंघ और खेल अधिकारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोजकों ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताते हुए कहा कि किसी भी खिलाड़ी से इस तरह के आक्रामक व्यवहार की उम्मीद नहीं की जाती। खेल एक अनुशासित और गरिमामय माहौल की मांग करता है, जहां खिलाड़ियों को हार और जीत दोनों को समान रूप से स्वीकार करने की मानसिकता रखनी चाहिए। अब यह मामला कुश्ती संघ के पास पहुंच चुका है, और शिवराज राक्शे के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। इस तरह की घटनाएं खेलों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और युवा पहलवानों के लिए गलत उदाहरण पेश करती हैं। खेल जगत से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में खिलाड़ी खेल भावना का पालन करें और अनुशासन बनाए रखें। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि कुश्ती संघ इस मामले में क्या सख्त कदम उठाएगा और क्या शिवराज राक्शे पर प्रतिबंध लगाया जाएगा