लखनऊ में हुई एक शादी महज 24 घंटे में समाप्त हो गई। फेरे लेने के बाद दुल्हन सिर्फ एक रात ससुराल में रही और सुबह होते ही उसने वहां रहने से साफ इंकार कर दिया। दूल्हा लगातार उसे मनाने की कोशिश करता रहा, लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रही। वर पक्ष ने पंचायत बुलाने की भी कोशिश की, लेकिन दुल्हन अपने निर्णय से नहीं हटी। यह शादी भंवरेश्वर मंदिर में हुई थी, जहां दुल्हन का कहना था कि यह शादी झूठ पर आधारित है
शादी का समारोह शनिवार को भंवरेश्वर मंदिर में आयोजित किया गया था, जहां वर और वधू पक्ष के लोग इकट्ठा हुए। महादेव को साक्षी मानकर दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे के साथ सात फेरे लिए और वरमाला पहनाई। दूल्हा खुश होकर दुल्हन को अपने घर ले आया, लेकिन जल्द ही दुल्हन को एक चौंकाने वाली सच्चाई का पता चला, जिसके बाद उसने ससुराल में रहने से मना कर दिया
दुल्हन प्रतापगढ़ के मानिकपुर की रहने वाली है, और उसके पिता का निधन हो चुका है। उसकी मां और भाई ने उसके लिए रिश्ता ढूंढने की कोशिश की थी, तब उनकी मुलाकात रामस्वरूप और सरवन नाम के दो बिचौलियों से हुई। दोनों ने युवक का परिचय उसके बिरादरी के रूप में दिया। शादी के बाद दुल्हन को पता चला कि दूल्हा उसकी बिरादरी का नहीं है। यह जानकारी मिलते ही दुल्हन ने अपनी मौसी को फोन कर बुलाया और अपनी असहमति व्यक्त की
वर पक्ष ने दुल्हन को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे सफल नहीं हुए, तो पंचायत बुलाई गई। पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि दुल्हन को उसकी मौसी के साथ जाने दिया जाए। वर पक्ष ने कहा कि शादी रामस्वरूप और सरवन ने करवाई थी और पैसे भी लिए थे, लेकिन दुल्हन ने अपनी ओर से कहा कि उसका सौदा बिना बताए किया गया। दूल्हे के पिता ने पैसे वापस दिलाने के लिए निगोहां पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है