राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह वीडियो कॉल पर पत्नी ने बात की थी लेकिन छह घंटे बाद मौत की सूचना मिली। बलिदान जवान के पिता गोपीचंद शर्मा किसान हैं। उनके 4 बेटे हैं। सबसे बड़े आनंद कुमार शर्मा थे, जो वर्ष 2002 में सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) में भर्ती हुए थे। पत्नी, बच्चों व भाई भूपेंद्र शर्मा के साथ ग्रेटर नोएडा में रहते थे। उनकी तैनाती ओडिशा में थी लेकिन करीब 15 दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के मचैल माता मंदिर पर चसोटी गांव में तैनात किया गया था। बृहस्पतिवार दोपहर करीब 12:30 बजे वहां अचानक बादल फट गया। बादल फटने के बाद लोगों की जान बचाने के दौरान आनंद कुमार शर्मा भी बलिदान हो गए। शाम करीब 5 बजे स्थानीय प्रशासन ने परिजनों को बलिदान होने की सूचना दी। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह और पुलिस के अधिकारियों ने भी पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। सीआईएसएफ के जवानों ने परेड कर सलामी दी। भाई भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी ने बृहस्पतिवार सुबह करीब 11 बजे फोन पर बात की थी। बलिदान जवान के परिवार में पत्नी के अलावा बेटी श्वेता शर्मा, बेटा शिवम शर्मा और यश शर्मा है। पिता गोपीचंद और मां बेटे की मौत से सदमे में हैं।
मंदिर पर चल रहा था भंडारा
परिजनों ने बताया कि फोन पर बातचीत के दौरान जवान आनंद कुमार शर्मा ने पत्नी व परिजनों को मंदिर पर चल रही गतिविधियों के बारे में बताया था। बताया था कि यहां भंडारा चल रहा है। काफी भीड़ है। टॉफी बांटी जा रही है। फिर ड्यूटी पर होने की बात कहकर फोन रख दिया था।