स्कूलों में प्रहरी क्लब बनाए जाएंगे जो नशे के खिलाफ अभियान चलाएंगे। दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक राजधानी को नशामुक्त बनाया जाए।
शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में प्रहरी क्लब गठित करने का निर्देश दिया है। इन क्लबों में छात्र न केवल नशा मुक्ति के संदेशवाहक बनेंगे बल्कि स्कूल परिसर और आसपास नशे की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। शिक्षा निदेशालय के अनुसार, दिल्ली सरकार ने 2027 तक नशामुक्त दिल्ली का लक्ष्य तय किया है और प्रहरी क्लब इसी दिशा में उसकी सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है। सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रहरी क्लब को सक्रिय करें और नशा मुक्ति संबंधी गतिविधियों को और सशक्त बनाएं। यह पहल राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर), एनसीओआरडी कमेटी और शिक्षा निदेशालय के मार्गदर्शन में तैयार की गई है।किशोरों में नशा रोकने के लिए स्कूल पहलनिदेशालय का मानना है कि किशोरों में नशे की प्रवृत्ति मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ शैक्षिक परिणामों को भी प्रभावित करती है। निदेशालय ने सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वे उम्र के अनुसार गतिविधियां और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
निदेशालय ने कहा कि ये गतिविधियां स्कूल के जीरो पीरियड (कक्षा शुरू होने से पहले आयोजित होने वाली कक्षा), सभा में, गतिविधि अवधि, बैगलेस दिवस, स्कूल कार्यक्रमों के दौरान और अभिभावक-शिक्षक बैठकों में आयोजित की जा सकती हैं, ताकि मुख्य शिक्षण-अध्ययन प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। सरकार दिल्ली को नशामुक्त बनने के लिए संकल्पित है।
यह है क्लब का उद्देश्यक्लब के उद्देश्य में नशे के दुष्प्रभावों को लेकर जागरूकता बढ़ाना, स्कूल परिसर और आसपास नशे की बिक्री व खपत को रोकना, जोखिम ग्रस्त बच्चों की पहचान कर उन्हें शैक्षिक-व्यावसायिक मार्गदर्शन ब्यूरो (ईवीजीसी) व काउंसलिंग से जोड़ना और ड्रग-मुक्त शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देना शामिल है।