बजट 2025 में केंद्र सरकार द्वारा डायरेक्ट टैक्स लॉ के लिए एक नया बिल पेश करने की संभावना जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार का उद्देश्य इस नए बिल के माध्यम से टैक्स प्रणाली को और अधिक सरल बनाना और उसकी जटिल भाषा को सुधारना है। इस कदम का उद्देश्य करदाताओं के लिए टैक्स प्रक्रिया को अधिक समझने योग्य और सुगम बनाना है, ताकि वे टैक्स नियमों का पालन आसानी से कर सकें पिछले कुछ वर्षों से कराधान प्रणाली में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, और इसे आसान बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। नया बिल विशेष रूप से टैक्स कानूनों की जटिलता को कम करने पर केंद्रित होगा, ताकि करदाता बिना किसी भ्रम के अपने कर्तव्यों को समझ सकें और पालन कर सकें। इसके साथ ही, सरकार का यह प्रयास भी हो सकता है कि नए बिल में टैक्स व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी तरीके से पेश किया जाए, जिससे करदाताओं को सही जानकारी समय पर मिल सके सरकार की यह कोशिश है कि टैक्स नियमों की कठिन भाषा और अनावश्यक जटिलताओं को हटाया जाए, ताकि उन्हें आम जनता द्वारा आसानी से समझा जा सके। यह बदलाव न केवल करदाताओं के लिए राहतकारी होगा, बल्कि भारत की टैक्स व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और विकसित बनाने में भी मदद करेगा
Budget 2025: केंद्र सरकार बजट 2025 में डायरेक्ट टैक्स लॉ के लिए नया बिल पेश कर सकती है
बजट 2025 में केंद्र सरकार द्वारा डायरेक्ट टैक्स लॉ के लिए एक नया बिल पेश करने की संभावना जताई जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार का उद्देश्य इस नए बिल के माध्यम से टैक्स प्रणाली को और अधिक सरल बनाना और उसकी जटिल भाषा को सुधारना है। इस कदम का उद्देश्य करदाताओं के लिए टैक्स प्रक्रिया को अधिक समझने योग्य और सुगम बनाना है, ताकि वे टैक्स नियमों का पालन आसानी से कर सकें पिछले कुछ वर्षों से कराधान प्रणाली में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, और इसे आसान बनाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। नया बिल विशेष रूप से टैक्स कानूनों की जटिलता को कम करने पर केंद्रित होगा, ताकि करदाता बिना किसी भ्रम के अपने कर्तव्यों को समझ सकें और पालन कर सकें। इसके साथ ही, सरकार का यह प्रयास भी हो सकता है कि नए बिल में टैक्स व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी तरीके से पेश किया जाए, जिससे करदाताओं को सही जानकारी समय पर मिल सके सरकार की यह कोशिश है कि टैक्स नियमों की कठिन भाषा और अनावश्यक जटिलताओं को हटाया जाए, ताकि उन्हें आम जनता द्वारा आसानी से समझा जा सके। यह बदलाव न केवल करदाताओं के लिए राहतकारी होगा, बल्कि भारत की टैक्स व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और विकसित बनाने में भी मदद करेगा